साल 2024 में भारत ने अंतरिक्ष के क्षेत्र में कई इतिहास रचे हैं। नए साल में भी ये सिलसिला नहीं थमने वाला है। ISRO जनवरी में ही श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से जियेसिक्रोनस लॉन्च व्हीकल (GSLV) मिशन के साथ लॉन्चिंग का शतक लगाएगा। GSLV नेविगेशन उपग्रह NVS -02 को लॉन्च करने की तैयारी में ISRO है। इसके बाद भारत स्पेस क्षेत्र में नया अध्याय लिखेगा।

पीटीआई, श्रीहरिकोटा| वर्ष 2024 में एक के बाद एक कामयाबी हासिल करने के बाद ISRO नए वर्ष में भी इतिहास के सुनहरे अध्याय लिखने जा रहा है। इसरो जनवरी में ही श्रीहरिकोटा के अंतरिक्ष केंद्र से Geosynchronous Launch Vehicle (जियेसिक्रोनस लांच व्हीकल) मिशन के साथ लॉन्चिंग का शतक लगाएगा।
इसरो ने एक दिन पहले ही PSLV-C-60 राॅकेट से स्पैडेक्स मिशन लांच किया था। यह श्रीहरिकोटा से 99वीं सफल लॉन्चिंग थी। मिशन के तहत PSLV -C -60 राकेट ने दो छोटे अंतरिक्षयानों चेजर और टारगेट को 475 किलोमीटर की वृत्ताकार कक्षा में स्थापित कर दिया है। उम्मीद है कि डॉकिंग प्रक्रिया संभवत: 7 जनवरी 2025 को पूरी होगी।
भारत बनेगा विश्व का चौथा देश
स्पैडेक्स मिशन के साथ भारत डॉकिंग और अनडॉकिंग क्षमता प्रदर्शित करने वाला चौथा देश बनेगा। इस समय दुनिया में सिर्फ तीन देश अमेरिका, रूस और चीन अंतरिक्षयान को अंतरिक्ष में डाक करने में सक्षम हैं। अंतरिक्षयान से दूसरे अंतरिक्षयान के जुड़ने को डॉकिंग और अंतरिक्ष में जुड़े दो अंतरिक्ष यानों के अलग होने को अनडॉकिंग कहते हैं।

इसरो करेगा 100वीं लॉन्चिंग
ISRO के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने सोमवार को कहा, “हम जनवरी में श्रीहरिकोटा से 100वीं लॉन्चिंग करने जा रहे हैं। इसके तहत GSLV नेविगेशन उपग्रह NVS -02 को प्रक्षेपित करेंगे। ISRO ने मई 2023 में NVS -01 नेविगेशन उपग्रह को लांच किया था। NVS -01 नेविगेशन विद इंडियन कांस्टिलेशन (नाविक) सेवाओं के साथ नेविगेशन के लिए दूसरी पीढ़ी के उपग्रहों में से पहला है। NVS -02 मिशन के साथ नेविगेशन प्रणाली और मजबूत होगी।”
स्वदेशी डॉकिंग सिस्टम विकसित करने वाला दुनिया का चौथा देश बना भारत केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि “भारत स्वदेशी डॉकिंग सिस्टम विकसित करने वाला दुनिया का चौथा देश बन गया है। इसरो का यह मिशन अंतरिक्ष के क्षेत्र में एक नए युग की शुरुआत का प्रतीक है।”
