अंतरिक्ष से सीधे स्मार्टफोन से कॉल की सुविधा

नई दिल्ली| भारत जल्द ही अमेरिकन कम्पनी (American Company) का एक विशाल कम्युनिकेशन सैटेलाइट (Giant Communication Satellite) लॉन्च (Launch) करने जा रहा है, जो मोबाइल फोन से सीधे अंतरिक्ष के जरिए कॉल की सुविधा देगा। यह सैटेलाइट टेलीफोन के क्षेत्र में अब तक की सबसे आधुनिक और क्रांतिकारी तकनीक मानी जा रही है। यह पहली बार होगा जब भारत एक अमेरिकी कंपनी के विशाल संचार उपग्रह को अपने रॉकेट से लॉन्च करेगा। इससे पहले भारत ने केवल छोटे अमेरिकी उपग्रह लॉन्च किए हैं।

फरवरी या मार्च में लॉन्च की संभावना

भारत के विज्ञान मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने खुलासा किया कि, “फरवरी या मार्च में हम मोबाइल संचार के लिए एक अमेरिकी उपग्रह लॉन्च करेंगे। यह मिशन बहुत दिलचस्प होगा क्योंकि यह मोबाइल फोन से सीधे वॉयस कॉलिंग की सुविधा देगा।”

हालांकि, ISRO और मंत्री ने अमेरिकी ऑपरेटर की पहचान की पुष्टि नहीं की है, लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह टेक्सास स्थित कंपनी AST SpaceMobile हो सकती है।

किसी भी स्मार्टफोन से होगी कनेक्टिविटी

NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, एएसटी स्पेसमोबाइल का दावा है कि उनकी सेवा के लिए विशेष शब्द या टर्मिनल की आवश्यकता नहीं होगी। किसी भी उपकरण से कॉल और इंटरनेट का उपयोग किया जा सकता है।

इसरो के भरोसे “ब्लू बर्ड” का प्रक्षेपण

इस मिशन में इसरो के लॉन्च व्हीकल मार्क-3 (LVM-3) (बाहुबली रॉकेट) का इस्तेमाल किया जाएगा। यह 6000 किलोग्राम वजनी ब्लू बर्ड उपग्रह को निचली पृथ्वी कक्षा (LEO) में स्थापित करेगा। इस उपग्रह का एंटीना लगभग 64 वर्ग मीटर का होगा, जो एक फुटबॉल मैदान के आधे आकार के बराबर है।

वैश्विक कनेक्टिविटी का लक्ष्य

AST SpaceMobile के सीईओ एबेल एवेलन ने बताया कि उनकी तकनीक “दुनिया की पहली स्पेस-आधारित सेल्युलर ब्रॉडबैंड नेटवर्क” स्थापित करने का उद्देश्य रखती है। कंपनी का लक्ष्य वैश्विक कनेक्टिविटी गैप को खत्म करना और डिजिटल युग में सभी को जोड़ना है।

भारत के लिए बड़ी उपलब्धि

इसरो के विशेषज्ञों का कहना है कि यह प्रक्षेपण न केवल भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को बढ़ावा देगा, बल्कि अमेरिका जैसी तकनीकी महाशक्ति का भरोसा भी मजबूत करेगा। इससे पहले भारत ने वनवेब के उपग्रहों को लॉन्च किया था, जिसमें भारती एंटरप्राइजेस की हिस्सेदारी है। AST SpaceMobile का यह मिशन Starlink और OneWeb जैसी सेवाओं को सीधी चुनौती देगा। इसके अलावा, AST SpaceMobile की योजना कम उपग्रहों के साथ बड़ा कवरेज देने की है, जो इसे अन्य कंपनियों से अलग बनाता है।

भारत का व्यावसायिक योगदान

यह पूरी तरह से एक वाणिज्यिक प्रक्षेपण है, जिसे भारत की न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) द्वारा संचालित किया जा रहा है। इसरो केवल अमेरिकी उपग्रह को अंतरिक्ष तक पहुंचाने का माध्यम बनेगा। भारत और अमेरिका के इस सहयोग से सैटेलाइट टेलीफोनी के क्षेत्र में एक नई क्रांति आएगी। इससे न केवल दूरस्थ क्षेत्रों में कनेक्टिविटी बेहतर होगी, बल्कि डिजिटल भारत के सपने को भी बल मिलेगा।

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