इस नजारे को देखने के लिए आपको शहर या स्ट्रीट लाइट से दूर एक जगह खोजें, अपने पैरों को उत्तर-पूर्व की ओर करके पीठ के बल लेट जाएं और ऊपर की तरफ देखें|
चतुर्भुज उल्का बौछार 2025 Quadrantid Meteor Shower 2025
आज रात आसमान में आपको अद्भुत खगोलीय नजारा देखने को मिलने वाला है. क्योंकि साल का पहला उल्कापात ‘क्वाड्रेंटिड्स’ चरम पर होगा, जिसे आम भाषा में लोग ‘टूटते तारे’ के रूप में जानते हैं.नासा के अनुसार, क्वाड्रेंटिड्स को उत्तरी गोलार्ध में सबसे अच्छी तरह से देखा जा सकता है, जिसका मतलब है कि यह नजारे भारत में भी दिखाई देंगे, खासकर रात और सुबह के समय. इसे देखना आपके लिए कभी न भूलने वाला अनुभव हो सकता है. वैसे तो यह खगोलीय घटना 16 जनवरी तक चलेगी लेकिन 3 और 4 को अपने चरम पर होगी|

कैसे देखें टूटते तारों की बारिश How to Watch the Rain of Shooting Stars
इस नजारे को देखने के लिए आपको शहर या स्ट्रीट लाइट से दूर एक जगह पर जाना है, फिर अपने पैरों को उत्तर-पूर्व की ओर करके पीठ के बल लेटकर ऊपर की तरफ देखना है. इस नक्षत्रीय घटना को देखने के लिए आपको थोड़ा धैर्य रखना होगा. क्योंकि यह रात से लेकर भोर तक एक शो की तरह नजर आता है. वहीं, अगर आपका किसी अंधेरी जगह पर जाना संभव नहीं है, तो आप पास के किसी प्लेनेटेरियम (तारामंडल) में भी जा सकते हैं, जहां दूरबीन की मदद से खगोलीय घटना का अनुभव कर सकते हैं. उल्कापात सबसे ज्यादा सक्रिय 4 जनवरी 2024 को रात 8 बजकर 30 मिनट पर होने की उम्मीद है|

क्या होता है उल्कापात – What is a Meteor Shower
दरअसल, साल में कई बार सूर्य की परिक्रमा करते समय, पृथ्वी धूमकेतुओं और कभी-कभी क्षुद्रग्रहों द्वारा छोड़े गए मलबे से होकर गुजरती है. यह घटना जब होती है तब आसमान में टूटते तारों की बैछार जैसा नजारा दिखाई पड़ता है. आपको बता दें कि क्वाड्रेंटिड्स का स्रोत क्षुद्रग्रह 2003 EH1 का मलबा है.क्वाड्रेंटिड्स हर साल जनवरी की शुरुआत में केवल कुछ घंटों के लिए अपने चरम पर होते हैं, जबकि ज्यादातर टूटते तारों की बौछारें केवल दो दिन में ही समाप्त हो जाते हैं|