
ड्रोन तकनीक और साइबर सुरक्षा भी शामिल
इस बार की मॉक ड्रिल में विशेष रूप से ड्रोन हमलों और साइबर सुरक्षा पर ज़ोर दिया गया। सुरक्षा बलों ने आधुनिक तकनीक से लैस ड्रोन के ज़रिए दुश्मन की टोह लेने और जवाबी कार्रवाई करने का अभ्यास किया।
स्थानीय नागरिकों को भी जागरूक किया गया
अभ्यास के दौरान स्थानीय नागरिकों को भी सूचित किया गया और उन्हें बताया गया कि अगर कभी वास्तविक आपात स्थिति उत्पन्न हो तो उन्हें किस प्रकार की सावधानियाँ बरतनी चाहिए।

अधिकारियों की प्रतिक्रिया
एक वरिष्ठ BSF अधिकारी ने बताया, “यह मॉक ड्रिल हमारी तैयारियों की परख के लिए ज़रूरी है। इससे हमें यह समझने में मदद मिलती है कि वास्तविक संकट की घड़ी में हमारी प्रतिक्रिया कितनी तेज़ और प्रभावी होगी।”
निष्कर्ष
भारत-पाक सीमा पर इस तरह की मॉक ड्रिल न केवल सुरक्षा बलों की तत्परता का प्रमाण है, बल्कि यह देश की संप्रभुता और नागरिकों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने का संकेत भी है।