
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसमें सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला भी पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों द्वारा किया गया। भारत का जवाब: हमले के 13 दिन बाद भारत ने मिसाइल स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह स्ट्राइक मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्य अड्डे पर की गई, जहां बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की सूचना है। महत्व: यह पहली बार है जब भारत ने मिसाइल के माध्यम से स्ट्राइक की पुष्टि की। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को और अधिक आक्रामक रूप से इस्तेमाल करने के लिए तैयार है। तीनों हमलों की तुलना और संदेश यह आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत अब हर हमले का जवाब उसकी प्रकृति और गहराई के अनुसार देता है। साथ ही तकनीक, रणनीति और कूटनीति—तीनों का इस्तेमाल करके आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही करता है।अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भारत की स्थिति भारत की इन कार्रवाइयों को विश्व के बड़े देशों ने समर्थन दिया है। अमेरिका, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल और जापान जैसे देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को उचित ठहराया है। इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र में भी भारत ने इन घटनाओं को उठाया और पाकिस्तान पर आतंकवाद को पनाह देने का आरोप लगाया। भारत ने यह स्पष्ट किया है कि यदि जरूरत पड़ी तो वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है। राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव इन कार्रवाइयों ने भारतीय राजनीति में भी व्यापक प्रभाव डाला है। इन स्ट्राइक्स के बाद सरकार की लोकप्रियता में वृद्धि देखी गई, और राष्ट्रीय सुरक्षा एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया। साथ ही, समाज में यह संदेश गया कि भारत अब “सॉफ्ट स्टेट” नहीं रहा, बल्कि हर हमले का जवाब देने में सक्षम और तैयार है। निष्कर्ष: नया भारत, नई नीति इन तीन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि भारत की आतंकवाद के प्रति नीति में आमूलचूल परिवर्तन आया है। अब जवाब सिर्फ सीमित शब्दों में नहीं बल्कि स्पष्ट और निर्णायक सैन्य कार्यवाही में मिलता है। भारत का यह रुख न केवल सीमा पार बैठे आतंकी संगठनों को चेतावनी देता है, बल्कि वैश्विक समुदाय को भी यह दिखाता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपने अधिकारों का प्रयोग करना जानता है। यह बदलाव उस "नए भारत" की तस्वीर है, जो न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है, बल्कि अपने शत्रुओं को उनकी भाषा में जवाब देने में भी पीछे नहीं रहता।
भारत और पाकिस्तान के बीच दशकों से चले आ रहे तनाव की कहानी सिर्फ सीमाओं तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह कई बार आतंकवाद और कूटनीतिक मोर्चों तक फैल जाती है। भारत ने समय-समय पर अपने सैनिकों और नागरिकों पर हुए आतंकवादी हमलों का सख्त जवाब दिया है, जो ना केवल देश की सुरक्षा नीति को दर्शाता है, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की दृढ़ राजनीतिक इच्छाशक्ति को भी दिखाता है।
आइए तीन महत्वपूर्ण आतंकी हमलों और भारत द्वारा उनके जवाब में की गई कार्रवाइयों पर विस्तार से नज़र डालते हैं।
1. उरी हमला और 11 दिन बाद सर्जिकल स्ट्राइक
18 सितंबर 2016 को जम्मू-कश्मीर के उरी सेक्टर में स्थित एक भारतीय सेना के बेस पर आत्मघाती हमला हुआ, जिसमें 19 जवान शहीद हो गए। यह हमला जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों द्वारा किया गया था, जो पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) से आए थे।
भारत का जवाब: भारत ने इस हमले के 11 दिन बाद PoK में सर्जिकल स्ट्राइक को अंजाम दिया। 29 सितंबर 2016 को भारतीय सेना के विशेष बलों ने नियंत्रण रेखा पार कर आतंकी लॉन्च पैड्स को निशाना बनाया और बड़ी संख्या में आतंकियों को मार गिराया।
महत्व: यह पहली बार था जब भारत ने सार्वजनिक रूप से स्वीकार किया कि उसने सीमा पार कार्रवाई की है। यह नीति बदलाव था, जो “रणनीतिक संयम” की नीति से हटकर प्रत्यक्ष कार्रवाई की ओर इंगित करता था।
2. पुलवामा हमला और 12 दिन बाद एयर स्ट्राइक
14 फरवरी 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के काफिले पर आतंकी हमला हुआ, जिसमें 40 से अधिक जवान शहीद हो गए। यह हमला भी जैश-ए-मोहम्मद के आत्मघाती हमलावर द्वारा किया गया था, जो एक विस्फोटक से भरी गाड़ी लेकर काफिले से टकरा गया।
भारत का जवाब: 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान के बालाकोट में स्थित जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप पर हवाई हमला किया। मिराज-2000 फाइटर जेट्स ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर 1000 किलोग्राम बम गिराए और आतंकियों के बड़े अड्डे को नष्ट किया।
महत्व: यह पहली बार था जब भारत ने अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर एयर स्ट्राइक की। यह कार्रवाई पाकिस्तान के भीतर की गई, और यह दर्शाती है कि भारत अब सिर्फ डिफेंसिव नहीं बल्कि प्रीएम्पटिव नीति अपना रहा है।
3. पहलगाम हमला और 13 दिन बाद मिसाइल स्ट्राइक
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ, जिसमें सुरक्षाबलों को निशाना बनाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, यह हमला भी पाकिस्तान से संचालित आतंकी संगठनों द्वारा किया गया।
भारत का जवाब: हमले के 13 दिन बाद भारत ने मिसाइल स्ट्राइक के जरिए पाकिस्तान में स्थित आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। यह स्ट्राइक मुरिदके में लश्कर-ए-तैयबा के मुख्य अड्डे पर की गई, जहां बड़ी संख्या में आतंकियों के मारे जाने की सूचना है।
महत्व: यह पहली बार है जब भारत ने मिसाइल के माध्यम से स्ट्राइक की पुष्टि की। इससे यह स्पष्ट होता है कि भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को और अधिक आक्रामक रूप से इस्तेमाल करने के लिए तैयार है।
तीनों हमलों की तुलना और संदेश
यह आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत अब हर हमले का जवाब उसकी प्रकृति और गहराई के अनुसार देता है। साथ ही तकनीक, रणनीति और कूटनीति—तीनों का इस्तेमाल करके आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्यवाही करता है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया और भारत की स्थिति
भारत की इन कार्रवाइयों को विश्व के बड़े देशों ने समर्थन दिया है। अमेरिका, फ्रांस, ऑस्ट्रेलिया, इजरायल और जापान जैसे देशों ने भारत के आत्मरक्षा के अधिकार को उचित ठहराया है।
इसके अलावा संयुक्त राष्ट्र में भी भारत ने इन घटनाओं को उठाया और पाकिस्तान पर आतंकवाद को पनाह देने का आरोप लगाया। भारत ने यह स्पष्ट किया है कि यदि जरूरत पड़ी तो वह आतंकवाद के खिलाफ किसी भी हद तक जा सकता है।
राजनीतिक और सामाजिक प्रभाव
इन कार्रवाइयों ने भारतीय राजनीति में भी व्यापक प्रभाव डाला है। इन स्ट्राइक्स के बाद सरकार की लोकप्रियता में वृद्धि देखी गई, और राष्ट्रीय सुरक्षा एक बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया।
साथ ही, समाज में यह संदेश गया कि भारत अब “सॉफ्ट स्टेट” नहीं रहा, बल्कि हर हमले का जवाब देने में सक्षम और तैयार है।
निष्कर्ष: नया भारत, नई नीति
इन तीन उदाहरणों से स्पष्ट होता है कि भारत की आतंकवाद के प्रति नीति में आमूलचूल परिवर्तन आया है। अब जवाब सिर्फ सीमित शब्दों में नहीं बल्कि स्पष्ट और निर्णायक सैन्य कार्यवाही में मिलता है।
भारत का यह रुख न केवल सीमा पार बैठे आतंकी संगठनों को चेतावनी देता है, बल्कि वैश्विक समुदाय को भी यह दिखाता है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ अपने अधिकारों का प्रयोग करना जानता है।
यह बदलाव उस “नए भारत” की तस्वीर है, जो न केवल अपने नागरिकों की सुरक्षा को प्राथमिकता देता है, बल्कि अपने शत्रुओं को उनकी भाषा में जवाब देने में भी पीछे नहीं रहता।