
“आपका एक वीडियो दुश्मन के हाथों में हथियार बन सकता है। सेना को सलाम करें, लेकिन कैमरा जेब में रखें। देश की सुरक्षा में जिम्मेदार नागरिक बनें।”
भारत इस समय एक संवेदनशील स्थिति से गुजर रहा है। कुछ घटनाएँ इतनी अहम होती हैं कि एक आम नागरिक का छोटा सा क़दम भी या तो राष्ट्र की सुरक्षा को मजबूत कर सकता है, या फिर उसकी नींव हिला सकता है। हाल ही में दो महत्वपूर्ण घटनाएँ सोशल मीडिया पर सामने आईं, जिन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा और नागरिक ज़िम्मेदारी को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े कर दिए हैं।
1. बाड़मेर में संपूर्ण लॉकडाउन: क्या चल रहा है राजस्थान में?
राजस्थान के सीमावर्ती जिले बाड़मेर में अचानक जिला प्रशासन ने पूर्ण लॉकडाउन के निर्देश जारी कर दिए।
आदेश के अनुसार:शाम 5 बजे से बाजार पूर्णतया बंद रहेगा।
शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक कर्फ्यू जैसे हालात लागू रहेंगे।
सभी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे, आपातकालीन सेवाओं को छोड़कर।
5 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करने पर पूरी तरह रोक।
ड्रोन संचालन पर पूरी तरह पाबंदी।
आतिशबाज़ी या पटाखों पर सख्त मनाही।
पर क्यों?

प्रशासन ने स्पष्ट किया है कि यह कदम “राष्ट्रीय सुरक्षा” को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। यह सामान्य कानून व्यवस्था का मामला नहीं है, बल्कि इस समय सीमा क्षेत्र से जुड़े गंभीर हालातों की ओर संकेत करता है। ऐसी परिस्थितियों में हर नागरिक का कर्तव्य बनता है कि वह न सिर्फ नियमों का पालन करे, बल्कि सतर्कता और सहयोग बनाए रखे।
2. सेना की मूवमेंट दिखी? कैमरा नीचे रखिए!
दूसरी बड़ी अपील, देशवासियों से की गई है — अगर आपको भारतीय सेना, वायुसेना या नौसेना के ट्रक या काफ़िले सड़क पर गुजरते दिखें, तो उनका वीडियो या फोटो न लें और न ही सोशल मीडिया पर डालें।
यह अपील खुद वरिष्ठ सैन्य अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों की ओर से ट्विटर पर जारी की गई। उन्होंने चेतावनी दी कि ऐसे वीडियो से दुश्मन को सेना की लोकेशन की जानकारी मिल सकती है जिससे सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
सोचिए – एक वीडियो जो आपको देशभक्ति की भावना में पोस्ट करना लगा, वही दुश्मन के लिए लोकेशन मैप बन सकता है!
सवाल: क्या हम अनजाने में दुश्मन की मदद कर रहे हैं?
जी हां। जब कोई व्यक्ति सेना के मूवमेंट की फोटो या वीडियो पोस्ट करता है, तो वह अनजाने में दुश्मन को महत्वपूर्ण जानकारियाँ दे रहा होता है।
GPS, टाइमस्टैम्प, गूगल लोकेशन — ये सभी सूचनाएं किसी भी तस्वीर या वीडियो से निकाली जा सकती हैं।
इससे न सिर्फ सैन्य ऑपरेशन खतरे में पड़ सकते हैं, बल्कि सैनिकों की जान भी जोखिम में आ सकती है।
सोशल मीडिया की शक्ति और ज़िम्मेदारी

आज हर हाथ में मोबाइल है और हर जेब में इंटरनेट। लेकिन इस ताकत के साथ ज़िम्मेदारी भी आती है। सुरक्षा बलों की मूवमेंट का प्रसारण करना देशविरोधी ताक़तों के लिए जानकारी जुटाने का आसान रास्ता बन सकता है।
तो क्या करें?
सेना दिखे तो सम्मान के साथ देखें, कैमरा जेब में रखें।
अपने दोस्तों और परिवार को भी यह संदेश दें।
अफवाहों से दूर रहें और केवल आधिकारिक स्रोतों से ही जानकारी लें।
किसी भी तरह की संदिग्ध गतिविधि दिखे, तो तुरंत पुलिस या प्रशासन को सूचित करें।
निष्कर्ष: जब देश पुकारे, तो नागरिक बनो सिर्फ दर्शक नहीं
इन दोनों घटनाओं — बाड़मेर का पूर्ण लॉकडाउन और सेना मूवमेंट पर सोशल मीडिया रोक — से हमें एक सीधी बात समझनी चाहिए:
देश की सुरक्षा सिर्फ सरकार और सेना की ज़िम्मेदारी नहीं है, हर नागरिक का कर्तव्य है।
आपके एक सही कदम से हजारों ज़िंदगियाँ बच सकती हैं। और एक छोटी सी लापरवाही भारी नुकसान पहुंचा सकती है।
तो आज ही ये संकल्प लें:
नियमों का पालन करेंगे।
सोशल मीडिया पर संवेदनशील जानकारी साझा नहीं करेंगे।
देश की सुरक्षा में अपना योगदान देंगे।
Call to Action:
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