
नई दिल्ली, 25 जून 2025
दुनिया इस वक्त कई युद्धों और मानवीय संकटों से जूझ रही है। बीते 12 दिनों से जारी ईरान-इजराइल युद्ध ने वैश्विक मीडिया और राजनैतिक गलियारों का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। लेकिन इस बीच रूस ने यूक्रेन पर अपने हमलों की रफ्तार और तेज कर दी है। वहीं, गाजा पट्टी में लोग भूख और हिंसा के दोहरे संकट में फंसे हुए हैं।
रूस-यूक्रेन युद्ध: हमले तेज, हजारों मिसाइलें दागीं
रूस-यूक्रेन युद्ध थमने का नाम नहीं ले रहा है। बीते 12 दिनों में रूस ने यूक्रेन पर बड़े पैमाने पर हमले किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, रूस ने 1000 से ज्यादा ड्रोन और सैकड़ों मिसाइलें दागी हैं। यूक्रेनी सेना के मुताबिक, सिर्फ तीन दिनों में रूस ने 440 ड्रोन, 32 बैलिस्टिक मिसाइलें, 28 क्रूज मिसाइलें और 37 हाइपरसोनिक मिसाइलें दागीं। इन हमलों में यूक्रेन को भारी नुकसान झेलना पड़ा है।
यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन और ब्रिटेन मिलकर लंबी दूरी के ड्रोन बनाएंगे ताकि रूस की बढ़ती सैन्य ताकत का जवाब दिया जा सके। पिछले 24 घंटों में यूक्रेन ने दावा किया है कि उन्होंने 146 रूसी ड्रोनों को मार गिराया।
गाजा में भुखमरी और हिंसा की दोहरी मार
गाजा पट्टी में हालात बद से बदतर हो चुके हैं। इजराइल की सेना ने इलाके पर भीषण हमला किया है। रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में 45 लोगों को गोली मार दी गई। स्थानीय लोग पहले ही भुखमरी की कगार पर थे और अब इन हमलों ने उनकी परेशानियों को और बढ़ा दिया है।
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट बताती है कि गाजा में 13 लाख से ज्यादा लोग खाने-पीने की गंभीर किल्लत का सामना कर रहे हैं। लोग बड़ी संख्या में राहत शिविरों की ओर पलायन कर रहे हैं। लेकिन भारी भीड़ और सीमित संसाधनों के कारण हालात और बिगड़ते जा रहे हैं।
ईरान-इजराइल युद्ध ने खींचा पूरी दुनिया का ध्यान
ईरान और इजराइल के बीच जारी युद्ध ने पूरी दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींच लिया है। दोनों देशों के बीच सैन्य टकराव ने पश्चिम एशिया को गंभीर संकट में डाल दिया है। तेल की आपूर्ति से लेकर वैश्विक बाजार तक पर इस युद्ध का असर दिखाई दे रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि जब तक ईरान-इजराइल युद्ध थमता नहीं, दुनिया के अन्य संघर्ष जैसे रूस-यूक्रेन युद्ध और गाजा संकट पर अपेक्षाकृत कम ध्यान दिया जाता रहेगा, जिसका खामियाजा वहां के आम नागरिकों को उठाना पड़ रहा है।
निष्कर्ष: इंसानी त्रासदी के बीच सियासी खेल
दुनिया के कई हिस्सों में युद्ध, भूखमरी और मानवीय संकट ने लाखों लोगों की जिंदगी को प्रभावित किया है। लेकिन बड़ी शक्तियों की सियासत और सामरिक प्रतिस्पर्धा के चलते इन समस्याओं का हल होता नजर नहीं आ रहा। ऐसे में अंतरराष्ट्रीय समुदाय की जिम्मेदारी बनती है कि वो केवल बड़े-बड़े बयान देने की बजाय ज़मीनी स्तर पर ठोस कदम उठाए।