
संयुक्त राज्य अमेरिका (अमेरिका) के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि पढ़ने से उन्हें अपनी पहचान और विश्वासों की समझ मिली। पढ़ने ने उन्हें अपने जीवन के उद्देश्य और मूल्यों को समझने में मदद की। यह उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में महत्वपूर्ण था।

पढ़ने की आदत तनाव कम करती है, दिमाग़ को सक्रिय रखती है और आपकी संवेदना के स्तर को भी सुधारती है। साथ ही किताबों में दर्ज तमाम नई जानकारियां तो आपको मिलती ही हैं। न्यूयॉर्क के दि न्यू स्कूल फ़ॉर सोशल रिसर्च के मुताबिक़ किताबें पढ़ने से व्यक्ति के सिद्धांतों में भी बदलाव हो सकता है। पर आज कागज़ या किताब आधारित पढ़ाई से लोग धीरे-धीरे कंप्यूटर, टैबलेट, मोबाइल जैसे डिजिटल उपकरणों पर पढ़ने की ओर बढ़ रहे हैं। ख़ासकर कोविड महामारी के बाद इसमें बड़ा इज़ाफा भी देखा गया है।

यह बदलाव हमारे पढ़ने के तरीके को कैसे प्रभावित कर रहा है? क्या आपको लगता है कि डिजिटल पढ़ाई के कोई फायदे या नुकसान हो सकते हैं?
ऑन स्क्रीन पढ़ाई के कई फायदे हो सकते हैं:
१. सुविधा और पहुंच: ऑन स्क्रीन पढ़ाई के माध्यम से आप कहीं भी और कभी भी पढ़ाई कर सकते हैं। आपको किसी विशिष्ट स्थान या समय की आवश्यकता नहीं होती है।
२. ऑन स्क्रीन पढ़ाई आपको व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करती है। आप अपनी गति से पढ़ाई कर सकते हैं और अपने प्रश्नों का उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
३. ऑन स्क्रीन पढ़ाई के माध्यम से आप आधुनिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि वीडियो, ऑडियो, और इंटरैक्टिव कंटेंट।
४. लागत प्रभावी: ऑन स्क्रीन पढ़ाई की लागत पारंपरिक शिक्षा की तुलना में कम हो सकती है। आपको किसी विशिष्ट स्थान पर जाने की आवश्यकता नहीं होती है और आप अपने घर से ही पढ़ाई कर सकते हैं।
५. पर्यावरण अनुकूल: ऑन स्क्रीन पढ़ाई पर्यावरण अनुकूल है। आपको किसी पेपर या पुस्तक की आवश्यकता नहीं होती है और आप अपने डिजिटल उपकरणों पर पढ़ाई कर सकते हैं।
६. अधिक सुलभ: ऑन स्क्रीन पढ़ाई अधिक सुलभ है। आप अपने मोबाइल फोन, टैबलेट या कंप्यूटर पर पढ़ाई कर सकते हैं और अपने पाठ्यक्रम को कहीं भी और कभी भी एक्सेस कर सकते हैं।
७. व्यक्तिगत समर्थन: ऑन स्क्रीन पढ़ाई के माध्यम से आप व्यक्तिगत समर्थन प्राप्त कर सकते हैं। आप अपने शिक्षकों या सहपाठियों से ऑनलाइन संपर्क कर सकते हैं और अपने प्रश्नों का उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
८. निरंतरता: ऑन स्क्रीन पढ़ाई के माध्यम से आप अपनी पढ़ाई को निरंतर बनाए रख सकते हैं। आप अपने पाठ्यक्रम को ऑनलाइन एक्सेस कर सकते हैं और अपनी पढ़ाई को कहीं भी और कभी भी जारी रख सकते हैं।
९. आंकड़ों का विश्लेषण: ऑन स्क्रीन पढ़ाई के माध्यम से आप अपने प्रदर्शन का विश्लेषण कर सकते हैं। आप अपने पाठ्यक्रम के आंकड़ों को ऑनलाइन देख सकते हैं और अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं।
१०. नई कौशल का विकास: ऑन स्क्रीन पढ़ाई के माध्यम से आप नई कौशल का विकास कर सकते हैं। आप ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में भाग ले सकते हैं और नई कौशल सीख सकते हैं।
डिजिटल माध्यम के ज़रिए पढ़ने के फायदे हैं, जैसे कि कम कीमत पर किताबें पढ़ना। लेकिन कई शोधों के मुताबिक़ इसके नुक़सान भी हैं। डिजिटल पढ़ाई से आंखों पर जोर पड़ता है, तनाव बढ़ता है, और याददाश्त कमजोर हो सकती है। इसके अलावा, डिजिटल माध्यम से पढ़ने से पाठक की एकाग्रता और समझने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती है।
बीबीसी रील पर छपी कहानी – ‘व्हाट डज़ रीडिंग ऑन स्क्रीन डू टू ऑर ब्रेन’ के मुताबिक़ डिजिटलीकरण के प्रभाव पर शोध के लिए 30 से अधिक देशों के स्कॉलर और वैज्ञानिकों को एक साथ लाया गया। इस शोध में क्या पाया गया इसके बारे में नॉर्वे के स्टवान्गर यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर और लेखक ऐनी मैंगेन कहती हैं, “हमने पाया कि कई ऐसी चीज़ें हैं जो हम स्मार्टफ़ोन पर पढ़ सकते हैं जिसमें शॉर्ट न्यूज़ अपडेट जैसी चीज़ें भी शामिल हैं।

इस शोध में हमने पाया कि काग़ज़ पर पढ़ने की तुलना में स्क्रीन पर पढ़े गए कॉन्टेंट की आसान समझ कम होती है।”अमेरिकी ग़ैर-सरकारी संस्था ‘सेपियन लैब्स’ की एक ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ कम उम्र में बच्चों को स्मार्टफ़ोन देने के विपरीत असर उनके युवावस्था में दिखते हैं।साइंटिफ़िक अमेरिकाना के मुताबिक़ काग़ज़ की तुलना में जब हम स्क्रीन पर पढ़ते हैं तो हमारा मस्तिष्क अधिक संसाधनों का इस्तेमाल करता है साथ ही जो कुछ भी स्क्रीन पर पढ़ते हैं उसे लंबे समय तक याद रखना कठिन होता है।तो हम क्या और कितना पढ़ते हैं उससे अधिक ज़रूरी यह है कि हम उसे किस माध्यम के ज़रिए पढ़ते हैं। क्योंकि एक इंसानी दिमाग़ पर पढ़ाई करने से असर पड़ता है। यह आपके विजुअल रिज़न, लैंग्वेज रिज़न और सोच और इमोशन के रिज़न को एक नए संबंध के साथ जोड़ता है।[14/12, 22:14] Kesha Ram: बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के अत्यधिक इस्तेमाल से बच्चों की आंखों पर दबाव पड़ सकता है, उनकी नींद प्रभावित हो सकती है, और उनकी शारीरिक गतिविधियों में कमी आ सकती है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के इस्तेमाल से बच्चों की सामाजिक कौशल और भावनात्मक बुद्धिमत्ता भी प्रभावित हो सकती है।
अश्विका भट्टाचार्य 9वीं कक्षा की छात्रा हैं और अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम आती हैं। वह किताबें पढ़ने के साथ-साथ स्क्रीन पर पढ़ने की ओर भी बढ़ रही हैं। उनके माता-पिता ने उन्हें पढ़ने के लिए किंडल टैबलेट दिया है, लेकिन अब वे उसे वापस पूरी तरह से किताबों की ओर मोड़ना चाहते हैं।अश्विका की मां आसीमा कहती हैं, “हम लगातार ये पढ़ रहे हैं कि गैजेट्स ज्यादा इस्तेमाल करने के आंखों पर कई तरह के दुष्प्रभाव हैं लिहाजा मैं अपनी बेटी को वापस किताबों की ओर मोड़ना चाहती हूं।” वहीं अश्विका की दोस्त आद्या कहती हैं कि आप रोज़ थोड़ा-थोड़ा कर के पढ़ सकते हैं। वे सुझाव देती हैं, “आप अपने दोस्तों और टीचर से अच्छी किताबों के बारे में पूछें और अपनी रुचि के मुताबिक किताबें पढ़ें।”
जी हाँ, लाइब्रेरी से भी किताबें ली जा सकती हैं। लाइब्रेरी में विभिन्न प्रकार की किताबें उपलब्ध होती हैं, जिन्हें आप उधार ले सकते हैं और घर पर पढ़ सकते हैं। लाइब्रेरी से किताबें लेने के कई फायदे हैं, जैसे कि आपको नए और रोचक विषयों के बारे में पढ़ने का अवसर मिलता है। आप अपने पसंदीदा लेखकों की किताबें पढ़ सकते हैं। लाइब्रेरी में अक्सर नई और पुरानी दोनों प्रकार की किताबें उपलब्ध होती हैं।- आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ किताबें साझा कर सकते हैं।इसलिए, लाइब्रेरी से किताबें लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है अगर आप नए और रोचक विषयों के बारे में पढ़ना चाहते हैं।
पढ़ने के तीन चमत्कारी फायदे हैं: तनाव कम करना, स्मृति बढ़ाना और आत्मविश्वास बढ़ाना। पढ़ने की शुरुआत लगभग ५००० वर्ष पूर्व हुई थी, जब मानव ने लिखने की कला का आविष्कार किया था। सबसे पुरानी लिखी गई पुस्तकें मिस्र, सुमेर और मेसोपोटेमिया में पाई गई हैं। व्हाट डज़ रीडिंग ऑन स्क्रीन डू टू ऑर ब्रेन’ नामक इस बीबीसी रील में इसके बारे में रिसर्च स्कॉलर मैरिएन वुल्फ़ कहती हैं कि पढ़ना एक कला है जिसकी शुरुआत लगभग ६००० वर्ष पूर्व हुई थी। वे बताती हैं, “इसकी शुरुआत कुछ इस तरह की गिनती से हुई थी कि जैसे हमारे पास शराब की कितने बर्तन या भेड़ें हैं। जब वर्णमाला बनाई गईं तो उसके ज़रिए इंसानों ने किसी चीज़ को पढ़ कर याद रखने और जानकारियां हासिल करने की कला सीखी।”

किताबें पढ़ना हमारे जीवन में कई तरह से फायदेमंद हो सकता है।
1. ज्ञान प्राप्ति: किताबें हमें नए विषयों और ज्ञान के बारे में बताती हैं। वे हमें दुनिया के बारे में समझने में मदद करती हैं।2. सोच और समझ का विकास: किताबें पढ़ने से हमारी सोच और समझ का विकास होता है। वे हमें नए दृष्टिकोण और विचारों से परिचित कराती हैं।
3. भाषा कौशल का विकास: किताबें पढ़ने से हमारी भाषा कौशल में सुधार होता है। वे हमें नए शब्दों और वाक्यों के बारे में सिखाती हैं।
4. तनाव कम करना: किताबें पढ़ना तनाव कम करने का एक अच्छा तरीका है। वे हमें अपने दैनिक जीवन की चिंताओं से दूर ले जाती हैं।
5. आत्मविश्वास बढ़ाना: किताबें पढ़ने से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है। वे हमें नए विषयों और ज्ञान के बारे में बताती हैं, जिससे हम अपने जीवन में अधिक आत्मविश्वास से भर जाते हैं।
6. सामाजिक कौशल का विकास: किताबें पढ़ने से हमारे सामाजिक कौशल में सुधार होता है। वे हमें नए लोगों और संस्कृतियों के बारे में सिखाती हैं।
7. आनंद और मनोरंजन: किताबें पढ़ना एक आनंददायक और मनोरंजक गतिविधि है। वे हमें नए दुनियाओं और पात्रों से परिचित कराती हैं।इन कारणों से, किताबें पढ़ना हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण गतिविधि है। यह हमें ज्ञान, समझ, और आनंद प्रदान करती है।
ब्लैक गर्ल्स बुक क्लब की फाउंडर नताली कार्टर कहती हैं कि हर किसी को किताबें पढ़नी चाहिए। वे कहती हैं, “किताबें हमारे जीवन को अनुभव देती हैं।“
ये जानकारियों से भरपूर होती हैं। ये हमारे समाज के बारे में बताती हैं। नताली कहती हैं, “मुझे लगता है कि भविष्य में हम छोटी कहानियों के संग्रह ज़्यादा देखेंगे, साथ ही किताबों के आकार और भी छोटे हो जाएंगे। अगर किताबें न हों तो हम मर जाएंगे, ज़िंदगी बहुत उबाऊ होगी।” बिब्लियोथेरेपिस्ट एला बर्थोड कहती हैं, “किताबें नहीं होतीं तो आज हम जिस तरह के इंसान हैं वैसे नहीं होते। इंसानी जीवन में ‘आग पैदा करने की ताक़त’ और ‘पढ़ने का हुनर’ आने से सबसे बड़ा बदलाव हुआ।”एला बर्थोड कहती हैं, “एक शानदार कहानी पढ़ना मनोरंजन से भी कहीं अधिक बढ़िया है। पढ़ने का एक तरह से चिकित्सकीय उपचार जैसा फायदा है।” एला उदाहरण देती हैं, “किसी बन्द जगह मे घुटन जैसा महसूस करना, थकावट और क्रोध जैसी चीज़ों के लिए ‘ज़ोरबा द ग्रीक’ पढ़ने की सलाह दी जाती है।”वे कहती हैं, “इसमें आपका दिमाग़ ध्यान की स्थिति में चला जाता है। यह वो प्रक्रिया है जो दिल की धड़कन को संतुलित करता है, इससे आप शांत हो जाते हैं और यह आपके दिमाग़ में चल रही चिंता को घटा देता है।” संयुक्त राज्य अमेरिका (अमेरिका) के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने कहा कि पढ़ने से उन्हें अपनी पहचान और विश्वासों की समझ मिली। पढ़ने ने उन्हें अपने जीवन के उद्देश्य और मूल्यों को समझने में मदद की। यह उनके व्यक्तिगत और पेशेवर जीवन में महत्वपूर्ण था।पढ़ने की आदत तनाव कम करती है, दिमाग़ को सक्रिय रखती है और आपकी संवेदना के स्तर को भी सुधारती है। साथ ही किताबों में दर्ज तमाम नई जानकारियां तो आपको मिलती ही हैं। न्यूयॉर्क के दि न्यू स्कूल फ़ॉर सोशल रिसर्च के मुताबिक़ किताबें पढ़ने से व्यक्ति के सिद्धांतों में भी बदलाव हो सकता है। पर आज कागज़ या किताब आधारित पढ़ाई से लोग धीरे-धीरे कंप्यूटर, टैबलेट, मोबाइल जैसे डिजिटल उपकरणों पर पढ़ने की ओर बढ़ रहे हैं। ख़ासकर कोविड महामारी के बाद इसमें बड़ा इज़ाफा भी देखा गया है। यह बदलाव हमारे पढ़ने के तरीके को कैसे प्रभावित कर रहा है? क्या आपको लगता है कि डिजिटल पढ़ाई के कोई फायदे या नुकसान हो सकते हैं?
ऑन स्क्रीन पढ़ाई के कई फायदे हो सकते हैं:
१. सुविधा और पहुंच: ऑन स्क्रीन पढ़ाई के माध्यम से आप कहीं भी और कभी भी पढ़ाई कर सकते हैं। आपको किसी विशिष्ट स्थान या समय की आवश्यकता नहीं होती है।
२. व्यक्तिगत अनुभव: ऑन स्क्रीन पढ़ाई आपको व्यक्तिगत अनुभव प्रदान करती है। आप अपनी गति से पढ़ाई कर सकते हैं और अपने प्रश्नों का उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
३. आधुनिक संसाधन: ऑन स्क्रीन पढ़ाई के माध्यम से आप आधुनिक संसाधनों का उपयोग कर सकते हैं, जैसे कि वीडियो, ऑडियो, और इंटरैक्टिव कंटेंट।
४. लागत प्रभावी: ऑन स्क्रीन पढ़ाई की लागत पारंपरिक शिक्षा की तुलना में कम हो सकती है। आपको किसी विशिष्ट स्थान पर जाने की आवश्यकता नहीं होती है और आप अपने घर से ही पढ़ाई कर सकते हैं।
५. पर्यावरण अनुकूल: ऑन स्क्रीन पढ़ाई पर्यावरण अनुकूल है। आपको किसी पेपर या पुस्तक की आवश्यकता नहीं होती है और आप अपने डिजिटल उपकरणों पर पढ़ाई कर सकते हैं।
६. अधिक सुलभ: ऑन स्क्रीन पढ़ाई अधिक सुलभ है। आप अपने मोबाइल फोन, टैबलेट या कंप्यूटर पर पढ़ाई कर सकते हैं और अपने पाठ्यक्रम को कहीं भी और कभी भी एक्सेस कर सकते हैं।
७. व्यक्तिगत समर्थन: ऑन स्क्रीन पढ़ाई के माध्यम से आप व्यक्तिगत समर्थन प्राप्त कर सकते हैं। आप अपने शिक्षकों या सहपाठियों से ऑनलाइन संपर्क कर सकते हैं और अपने प्रश्नों का उत्तर प्राप्त कर सकते हैं।
८. निरंतरता: ऑन स्क्रीन पढ़ाई के माध्यम से आप अपनी पढ़ाई को निरंतर बनाए रख सकते हैं। आप अपने पाठ्यक्रम को ऑनलाइन एक्सेस कर सकते हैं और अपनी पढ़ाई को कहीं भी और कभी भी जारी रख सकते हैं।
९. आंकड़ों का विश्लेषण: ऑन स्क्रीन पढ़ाई के माध्यम से आप अपने प्रदर्शन का विश्लेषण कर सकते हैं। आप अपने पाठ्यक्रम के आंकड़ों को ऑनलाइन देख सकते हैं और अपने प्रदर्शन में सुधार कर सकते हैं।
१०. नई कौशल का विकास: ऑन स्क्रीन पढ़ाई के माध्यम से आप नई कौशल का विकास कर सकते हैं। आप ऑनलाइन पाठ्यक्रमों में भाग ले सकते हैं और नई कौशल सीख सकते हैं।
डिजिटल माध्यम के ज़रिए पढ़ने के फायदे हैं, जैसे कि कम कीमत पर किताबें पढ़ना। लेकिन कई शोधों के मुताबिक़ इसके नुक़सान भी हैं। डिजिटल पढ़ाई से आंखों पर जोर पड़ता है, तनाव बढ़ता है, और याददाश्त कमजोर हो सकती है। इसके अलावा, डिजिटल माध्यम से पढ़ने से पाठक की एकाग्रता और समझने की क्षमता भी प्रभावित हो सकती बीबीसी रील पर छपी कहानी
‘व्हाट डज़ रीडिंग ऑन स्क्रीन डू टू ऑर ब्रेन’ के मुताबिक़ डिजिटलीकरण के प्रभाव पर शोध के लिए 30 से अधिक देशों के स्कॉलर और वैज्ञानिकों को एक साथ लाया गया।

इस शोध में क्या पाया गया इसके बारे में नॉर्वे के स्टवान्गर यूनिवर्सिटी में प्रोफ़ेसर और लेखक ऐनी मैंगेन कहती हैं, “हमने पाया कि कई ऐसी चीज़ें हैं जो हम स्मार्टफ़ोन पर पढ़ सकते हैं जिसमें शॉर्ट न्यूज़ अपडेट जैसी चीज़ें भी शामिल हैं। पर इस शोध में हमने पाया कि काग़ज़ पर पढ़ने की तुलना में स्क्रीन पर पढ़े गए कॉन्टेंट की आसान समझ कम होती है।”अमेरिकी ग़ैर-सरकारी संस्था ‘सेपियन लैब्स’ की एक ताज़ा रिपोर्ट के मुताबिक़ कम उम्र में बच्चों को स्मार्टफ़ोन देने के विपरीत असर उनके युवावस्था में दिखते हैं।साइंटिफ़िक अमेरिकाना के मुताबिक़ काग़ज़ की तुलना में जब हम स्क्रीन पर पढ़ते हैं तो हमारा मस्तिष्क अधिक संसाधनों का इस्तेमाल करता है साथ ही जो कुछ भी स्क्रीन पर पढ़ते हैं उसे लंबे समय तक याद रखना कठिन होता है।तो हम क्या और कितना पढ़ते हैं उससे अधिक ज़रूरी यह है कि हम उसे किस माध्यम के ज़रिए पढ़ते हैं। क्योंकि एक इंसानी दिमाग़ पर पढ़ाई करने से असर पड़ता है। यह आपके विजुअल रिज़न, लैंग्वेज रिज़न और सोच और इमोशन के रिज़न को एक नए संबंध के साथ जोड़ता है। बच्चों को इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के इस्तेमाल से बचना चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के अत्यधिक इस्तेमाल से बच्चों की आंखों पर दबाव पड़ सकता है, उनकी नींद प्रभावित हो सकती है, और उनकी शारीरिक गतिविधियों में कमी आ सकती है। इसके अलावा, इलेक्ट्रॉनिक गैजेट के इस्तेमाल से बच्चों की सामाजिक कौशल और भावनात्मक बुद्धिमत्ता भी प्रभावित हो सकती है। अश्विका भट्टाचार्य 9वीं कक्षा की छात्रा हैं और अपनी कक्षा में हमेशा प्रथम आती हैं। वह किताबें पढ़ने के साथ-साथ स्क्रीन पर पढ़ने की ओर भी बढ़ रही हैं। उनके माता-पिता ने उन्हें पढ़ने के लिए किंडल टैबलेट दिया है, लेकिन अब वे उसे वापस पूरी तरह से किताबों की ओर मोड़ना चाहते हैं।अश्विका की मां आसीमा कहती हैं, “हम लगातार ये पढ़ रहे हैं कि गैजेट्स ज्यादा इस्तेमाल करने के आंखों पर कई तरह के दुष्प्रभाव हैं लिहाजा मैं अपनी बेटी को वापस किताबों की ओर मोड़ना चाहती हूं।”वहीं अश्विका की दोस्त आद्या कहती हैं कि आप रोज़ थोड़ा-थोड़ा कर के पढ़ सकते हैं। वे सुझाव देती हैं, “आप अपने दोस्तों और टीचर से अच्छी किताबों के बारे में पूछें और अपनी रुचि के मुताबिक किताबें पढ़ें।” जी हाँ, लाइब्रेरी से भी किताबें ली जा सकती हैं। लाइब्रेरी में विभिन्न प्रकार की किताबें उपलब्ध होती हैं, जिन्हें आप उधार ले सकते हैं और घर पर पढ़ सकते हैं। लाइब्रेरी से किताबें लेने के कई फायदे हैं, जैसे कि:- आपको नए और रोचक विषयों के बारे में पढ़ने का अवसर मिलता है।- आप अपने पसंदीदा लेखकों की किताबें पढ़ सकते हैं।- लाइब्रेरी में अक्सर नई और पुरानी दोनों प्रकार की किताबें उपलब्ध होती हैं।- आप अपने दोस्तों और परिवार के साथ किताबें साझा कर सकते हैं।इसलिए, लाइब्रेरी से किताबें लेना एक अच्छा विकल्प हो सकता है अगर आप नए और रोचक विषयों के बारे में पढ़ना चाहते हैं।पढ़ने के तीन चमत्कारी फायदे हैं: तनाव कम करना, स्मृति बढ़ाना और
पढ़ने की शुरुआत लगभग ५००० वर्ष पूर्व हुई थी

, जब मानव ने लिखने की कला का आविष्कार किया था। सबसे पुरानी लिखी गई पुस्तकें मिस्र, सुमेर और मेसोपोटेमिया में पाई गई हैं। व्हाट डज़ रीडिंग ऑन स्क्रीन डू टू ऑर ब्रेन’ नामक इस बीबीसी रील में इसके बारे में रिसर्च स्कॉलर मैरिएन वुल्फ़ कहती हैं कि पढ़ना एक कला है जिसकी शुरुआत लगभग ६००० वर्ष पूर्व हुई थी। वे बताती हैं, “इसकी शुरुआत कुछ इस तरह की गिनती से हुई थी कि जैसे हमारे पास शराब की कितने बर्तन या भेड़ें हैं। जब वर्णमाला बनाई गईं तो उसके ज़रिए इंसानों ने किसी चीज़ को पढ़ कर याद रखने और जानकारियां हासिल करने की कला सीखी।” किताबें पढ़ना हमारे जीवन में कई तरह से फायदेमंद हो सकता है।
यहाँ कुछ कारण हैं कि किताबें क्यों पढ़नी चाहिए:
१. ज्ञान प्राप्ति: किताबें हमें नए विषयों और ज्ञान के बारे में बताती हैं। वे हमें दुनिया के बारे में समझने में मदद करती हैं।२. सोच और समझ का विकास: किताबें पढ़ने से हमारी सोच और समझ का विकास होता है। वे हमें नए दृष्टिकोण और विचारों से परिचित कराती हैं।
३. भाषा कौशल का विकास: किताबें पढ़ने से हमारी भाषा कौशल में सुधार होता है। वे हमें नए शब्दों और वाक्यों के बारे में सिखाती हैं।
४. तनाव कम करना: किताबें पढ़ना तनाव कम करने का एक अच्छा तरीका है। वे हमें अपने दैनिक जीवन की चिंताओं से दूर ले जाती हैं।
५. आत्मविश्वास बढ़ाना: किताबें पढ़ने से हमारा आत्मविश्वास बढ़ता है। वे हमें नए विषयों और ज्ञान के बारे में बताती हैं, जिससे हम अपने जीवन में अधिक आत्मविश्वास से भर जाते हैं।
६. सामाजिक कौशल का विकास: किताबें पढ़ने से हमारे सामाजिक कौशल में सुधार होता है। वे हमें नए लोगों और संस्कृतियों के बारे में सिखाती हैं।
७. आनंद और मनोरंजन: किताबें पढ़ना एक आनंददायक और मनोरंजक गतिविधि है। वे हमें नए दुनियाओं और पात्रों से परिचित कराती हैं।इन कारणों से, किताबें पढ़ना हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण गतिविधि है। यह हमें ज्ञान, समझ, और आनंद प्रदान करती है।
ब्लैक गर्ल्स बुक क्लब की फाउंडर नताली कार्टर कहती हैं कि हर किसी को किताबें पढ़नी चाहिए।

वे कहती हैं, “किताबें हमारे जीवन को अनुभव देती हैं। ये जानकारियों से भरपूर होती हैं। ये हमारे समाज के बारे में बताती हैं।”नताली कहती हैं, “मुझे लगता है कि भविष्य में हम छोटी कहानियों के संग्रह ज़्यादा देखेंगे, साथ ही किताबों के आकार और भी छोटे हो जाएंगे। अगर किताबें न हों तो हम मर जाएंगे, ज़िंदगी बहुत उबाऊ होगी।”बिब्लियोथेरेपिस्ट एला बर्थोड कहती हैं, “किताबें नहीं होतीं तो आज हम जिस तरह के इंसान हैं वैसे नहीं होते। इंसानी जीवन में ‘आग पैदा करने की ताक़त’ और ‘पढ़ने का हुनर’ आने से सबसे बड़ा बदलाव हुआ।”एला बर्थोड कहती हैं, “एक शानदार कहानी पढ़ना मनोरंजन से भी कहीं अधिक बढ़िया है। पढ़ने का एक तरह से चिकित्सकीय उपचार जैसा फायदा है।” एला उदाहरण देती हैं, “किसी बन्द जगह मे घुटन जैसा महसूस करना, थकावट और क्रोध जैसी चीज़ों के लिए ‘ज़ोरबा द ग्रीक’ पढ़ने की सलाह दी जाती है।”वे कहती हैं, “इसमें आपका दिमाग़ ध्यान की स्थिति में चला जाता है। यह वो प्रक्रिया है जो दिल की धड़कन को संतुलित करता है, इससे आप शांत हो जाते हैं और यह आपके दिमाग़ में चल रही चिंता को घटा देता है।”