
राजस्थान में सीएम भजन शर्मालाल ने 1 से 10 जनवरी तक वाले पोस्ट-पोस्टिंग में दुकानों के लिए विशेष निर्देश जारी किए हैं। अधिकारियों को डिज़ायर सोच-समझकर करने का सुझाव दिया गया है।
राजस्थान पोस्टल-पोस्टिंग सचिवालय: भजनलाल सरकार का बड़ा कदम
राजस्थान के भजनलाल सरकार ने नए साल की शुरुआत से पहले ही प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों के टेबलों पर लगी रोक हटा दी है। इसके तहत 1 जनवरी 2025 से 10 जनवरी 2025 तक राज्य में बड़े पैमाने पर पोस्टिंग-पोस्टिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। हालाँकि, इससे पहले मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने रजिस्ट्री में बड़ा बदलाव किया था। इस नई नीति के तहत प्लैटफॉर्म सुनिश्चित करने के लिए कई खास दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं।

उद्यमों में मुख्य परिवर्तन
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया है कि अब किसी भी अधिकारी या कर्मचारी के साथ काम करने के बाद उसे कम से कम दो साल तक एक ही जगह पर काम करना होगा। इस अवधि के बीच सिर्फ प्रमोशन के मामले में ही जगह बदली गई। सामान्य विषयों में यह नियम लागू नहीं होगा।सरकार का कहना है कि यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि पोस्ट-पोस्टिंग की प्रक्रिया शुरू हो सके और किसी भी प्रकार की नौकरी की बुकिंग न हो सके। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि वे ऑफिसर्स की डिजायर सोच-समझकर करें, क्योंकि इस बार जिन ऑफिसर्स को उनकी डिजायर पर पोस्टिंग मिलेगी, वे अगले दो साल तक यहां रहेंगे।
दिए गए विशेष निर्देश
हाल ही में मुख्यमंत्री ने शेयरधारकों के साथ बैठक कर उन्हें पोस्ट-पोस्टिंग के संबंध में स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कई बार नेता अपनी पसंद के अधिकारियों को पोस्टिंग दिलवाने के लिए दबाव तोड़ देते हैं, लेकिन बाद में अपनी पसंद से मोहभंग हो जाने पर उन्हें हटवाने के लिए दबाव बनाते हैं। मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि इस बार ऐसा कुछ नहीं होगा।
पोस्ट-पोस्टिंग में प्लॉटिंग क्यों जरूरी है?
राजस्थान में पोस्ट-पोस्टिंग का मुद्दा लगातार राजनीतिक बहस का केंद्र बना हुआ है। कई बार इसे “तबादला इंडस्ट्री” के रूप में आलोचना का सामना करना पड़ा। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कहा कि इस बार चुनाव लड़ने वालों को कोई मौका नहीं मिलेगा। प्रक्रिया को पूरी तरह से वैकल्पिक और सहायक बनाया जाएगा।सरकार का मानना है कि यह नई नीति से ऐतिहासिक प्रक्रिया में निर्देश और विचारधारा आएगी। साथ ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बेहतर कार्य करने का अवसर मिलेगा। मुख्यमंत्री ने दावा किया कि नई नीति से पोस्टर-पोस्टिंग की प्रक्रिया में सुधार होगा और जनता को इसका सीधा लाभ मिलेगा।
नई मान्यता का महत्व
भजनलाल सरकार की नई स्थायी रजिस्ट्री को राज्य में प्रशासनिक सुधार के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार का यह कदम न केवल नियुक्ति प्रक्रिया को बनाए रखेगा, बल्कि यह सुनिश्चित करना है कि अधिकारियों और कर्मचारियों को एक साथ काम करने का अवसर मिले।1 से 10 जनवरी तक जारी होने वाली गोलियों की सूची में इस नई नीति का प्रभाव साना नजर आना। यह स्पष्ट है कि सरकार अब शेयर प्रक्रिया को स्थिर करना और राजनीतिक दबाव से मुक्त होना पूरी तरह से अलग है।