
वर्तमान में बहुत से कारण है जिसके कारण हमारी धरती का तापमान निरंतर बढ़ रहा है। यदि इसा चलता रहा तो सम्पूर्ण पृथ्वी को खतरा है
1 . जीवन जीने में कष्ट
यदि हमारी धरती का तापमान 55°से par हो जाएगा तो हम मानव जाति के जिवित रहने की कल्पना भी नहीं कर सकते इस कर्ण हमे सावधान रहना होगा।
2. खाद्यान्न संकंट
उच्च तापमान पर फसलें सूख जाएंगी। चावल, गेहूँ, मक्का जैसी मुख्य फसलें, जो मानव सभ्यता का आधार हैं, 40°C से अधिक तापमान पर अच्छी पैदावार नहीं दे पातीं। 55°C तापमान पर न केवल फसलें मुरझा जाएंगी, बल्कि मिट्टी भी बंजर हो जाएगी। इससे वैश्विक खाद्य संकट उत्पन्न होगा और भूखमरी बढ़ेगी।
3. जल संकट
उच्च तापमान से नदियाँ, झीलें और जलाशय तेजी से सूखने लगेंगे। भूमिगत जल स्तर भी तेजी से घटेगा। पीने के पानी की कमी विकराल रूप धारण कर लेगी। गर्म हवाओं के कारण वर्षा चक्र भी असंतुलित हो जाएगा, जिससे कुछ इलाकों में सूखा और कुछ जगहों पर बाढ़ आएगी।
4. जीव-जंतुओं का विलुप्त होना
पृथ्वी पर जीव-जंतुओं के जीवन के लिए भी एक संतुलित तापमान आवश्यक है। जब तापमान 55°C के पार जाएगा, तो कई प्रजातियाँ, विशेषकर वे जो जल और वन क्षेत्रों पर निर्भर हैं, तेजी से विलुप्त हो जाएंगी। जैव विविधता में भारी कमी आएगी, जिससे पूरा पारिस्थितिकी तंत्र असंतुलित हो जाएगा।
5. समुद्रों का स्तर बढ़ना
अत्यधिक तापमान के कारण ध्रुवों पर जमी बर्फ तेजी से पिघलेगी, जिससे समुद्रों का जल स्तर बढ़ेगा। तटीय शहर जैसे मुंबई, कोलकाता, न्यूयॉर्क, शंघाई आदि डूबने के खतरे में आ जाएंगे। करोड़ों लोगों को अपने घरों से पलायन करना पड़ेगा।
6. आर्थिक और सामाजिक संकट
खेती, उद्योग और सेवा क्षेत्रों पर सीधा प्रभाव पड़ेगा। बेरोजगारी बढ़ेगी, गरीबी बढ़ेगी और संसाधनों के लिए लड़ाइयाँ होंगी। देश और समाज में अस्थिरता बढ़ेगी और विश्व शांति खतरे में पड़ जाएगी।
इस कर्ण हमे अपनी धरती को बचाना जरूरी है।