
राजस्थान के बाड़मेर जिले की निवासी रूमा देवी एक प्रख्यात सामाजिक उद्यमी, पारंपरिक हस्तकला कारीगर, और फैशन डिज़ाइनर हैं। उनका जीवन संघर्ष, समर्पण, और सफलता की प्रेरक कहानी है, जिसने हजारों ग्रामीण महिलाओं के जीवन में सकारात्मक परिवर्तन लाया है।

प्रारंभिक जीवन
16 नवंबर 1988 को बाड़मेर के रावतसर गांव में जन्मी रूमा देवी का बचपन चुनौतियों से भरा रहा। पारिवारिक आर्थिक तंगी के कारण उन्होंने आठवीं कक्षा के बाद पढ़ाई छोड़ दी। बचपन में ही अपनी दादी से कढ़ाई और सिलाई के कौशल सीखे, जो आगे चलकर उनके जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
विवाह और संघर्ष
सत्रह वर्ष की आयु में उनका विवाह हुआ। विवाह के बाद, उन्होंने अपने पहले बच्चे को जन्म के 48 घंटों के भीतर खो दिया, जो उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हुआ। इस घटना ने उन्हें आत्मनिर्भर बनने और अन्य महिलाओं की मदद करने के लिए प्रेरित किया।
सामाजिक उद्यमिता की यात्रा
2006 में, रूमा देवी ने गांव की 10 महिलाओं के साथ मिलकर एक स्वयं सहायता समूह का गठन किया। प्रत्येक महिला ने 100 रुपये का योगदान दिया, जिससे उन्होंने कपड़ा, धागे, और अन्य आवश्यक सामग्री खरीदी और कुशन कवर और बैग जैसे उत्पाद बनाने शुरू किए। उनकी मेहनत और समर्पण ने उन्हें बाड़मेर स्थित ‘ग्रामीण विकास चेतना संस्थान’ (GVCS) तक पहुंचाया, जहां वे 2008 में सदस्य बनीं और 2010 में अध्यक्ष पद संभाला।

महिलाओं का सशक्तिकरण
रूमा देवी ने राजस्थान के 75 से अधिक गांवों की 30,000 से अधिक महिलाओं को अपने साथ जोड़कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाया है। वे इन महिलाओं को प्रशिक्षण देकर हस्तशिल्प उत्पादों के निर्माण में संलग्न करती हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है।
राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान
रूमा देवी के उत्पादों की गुणवत्ता और डिजाइन ने उन्हें राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर पहचान दिलाई है। उन्होंने लंदन फैशन वीक, सिंगापुर क्राफ्ट फेयर, और जर्मनी के हेम टेक्सटाइल फेयर जैसे प्रतिष्ठित आयोजनों में अपने उत्पाद प्रदर्शित किए हैं। इसके अलावा, वे ‘कौन बनेगा करोड़पति’ के ‘करमवीर’ एपिसोड में भी शामिल हुईं, जहां उन्हें सम्मानित किया गया।
पुरस्कार और सम्मान
नारी शक्ति पुरस्कार (2018): महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया, जो महिलाओं के लिए भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आमंत्रण (2020): उन्हें हार्वर्ड विश्वविद्यालय के 17वें वार्षिक भारत सम्मेलन में वक्ता और पैनलिस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया।
राजीविका की राज्य ब्रांड एंबेसडर: राजस्थान सरकार की महिला सशक्तिकरण योजना के तहत नियुक्त।
सारांश
रूमा देवी की कहानी संघर्ष, समर्पण, और सफलता की मिसाल है, जो यह दर्शाती है कि दृढ़ इच्छाशक्ति और मेहनत से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। उनकी प्रेरक यात्रा ने न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उन्हें पहचान दिलाई l
राजस्थान के बाड़मेर जिले की निवासी रूमा देवी ने अपने जीवन में अनेक उपलब्धियाँ हासिल की हैं, जो उनके समर्पण और दृढ़ संकल्प का प्रमाण हैं। उनकी प्रमुख उपलब्धियाँ निम्नलिखित हैं:

पुरस्कार और सम्मान:
नारी शक्ति पुरस्कार (2018): महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा प्रदान किया गया, यह महिलाओं के लिए भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
हार्वर्ड विश्वविद्यालय में आमंत्रण (2020): उन्हें हार्वर्ड विश्वविद्यालय के 17वें वार्षिक भारत सम्मेलन में वक्ता और पैनलिस्ट के रूप में आमंत्रित किया गया।
‘कौन बनेगा करोड़पति’ में करमवीर पुरस्कार (2019): श्री अमिताभ बच्चन द्वारा प्रस्तुत लोकप्रिय रियलिटी शो में उन्हें ‘करमवीर पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया।
यूनाइटेड स्टेट्स कांग्रेस द्वारा मान्यता: महिला कारीगरों के लिए उनकी उत्कृष्ट सामुदायिक सेवा और वकालत पर उन्हें मान्यता प्राप्त हुई।
‘इंडिया टुडे’ पत्रिका के कवर पेज पर स्थान (2018): भारत की प्रतिष्ठित पत्रिका ने अपने वर्षगांठ संस्करण के लिए उन्हें कवर पेज पर स्थान दिया।
‘ट्राइब्स इंडिया’ की गुडविल एंबेसडर: उन्हें इस उपाधि से सम्मानित किया गया; साथ ही राज्य सरकार की राजीविका योजना और जिला सरकार की ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ योजना की ब्रांड एंबेसडर नियुक्त किया गया।
टीएफआई डिजाइनर ऑफ द ईयर (2019): 30 प्रतियोगियों के बीच फाइनलिस्ट के रूप में चयनित होकर उन्होंने यह खिताब जीता।
जानकी देवी बजाज पुरस्कार (2020): चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज लेडीज विंग द्वारा प्रस्तुत इस पुरस्कार से उन्हें सम्मानित किया गया।
डॉक्टरेट की उपाधि (2020): ज्योति राव फुले विश्वविद्यालय, जयपुर द्वारा उन्हें यह उपाधि प्रदान की गई।
आईवुमन ग्लोबल अवार्ड्स (2019): इस सम्मान से उन्हें नवाजा गया।
न्यूयॉर्क राज्य सरकार द्वारा सम्मान: सफ़ोक और नासाउ काउंटियों, यूएसए द्वारा उन्हें सम्मानित किया गया।

कला और शिल्प संवर्धन:
अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर प्रदर्शन: उन्होंने दुबई, यूएसए, यूके में विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों पर अपने संग्रह को प्रदर्शित किया।
प्रसिद्ध डिजाइनरों के साथ सहयोग: बीबी रसेल, हेमंत त्रिवेदी, अब्राहम और ठाकोर, रोहित कामरा जैसे प्रसिद्ध डिजाइनरों के साथ मिलकर उन्होंने संग्रह प्रदर्शित किए।
राजस्थान हेरिटेज वीक में भागीदारी: एक मास्टर डिजाइनर और कारीगर होने के नाते, 2016 से लगातार चार वर्षों से उन्होंने इस कार्यक्रम में भाग लिया है।
आईएचजीएफ स्प्रिंग समर और ऑटम विंटर में सहभागिता: ईपीसीएच द्वारा आयोजित इन कार्यक्रमों में उन्होंने रैंप शो में अपनी एकल भागीदारी की।
‘ट्राइब्स इंडिया’ फैशन शो में सहभागिता: वह हर साल इस शो में भाग लेती हैं, जिसमें विभिन्न राज्यों की जनजातियों को एकत्रित किया जाता है।
हस्तशिल्प को नया रूप देना: उन्होंने घरेलू सामान से लेकर परिधानों तक, साड़ियों को एक उत्तम दर्जे का रूप दिया है, जिसे दुनिया भर में पसंद किया जाता है।
अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियाँ: उन्होंने हेम टेक्सटाइल फेयर जर्मनी, सिंगापुर क्राफ्ट फेयर और प्रतिष्ठित लंदन फैशन वीक में राजस्थान की समृद्ध विरासत को बढ़ावा दिया।
इन उपलब्धियों के माध्यम से, रूमा देवी ने न केवल अपने समुदाय में, बल्कि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी महिला सशक्तिकरण और भारतीय हस्तशिल्प की प्रतिष्ठा को बढ़ाया है।
