
"आपके पास जो है, आप जहां हैं वही से शुरू कीजिये। हर काम आदर्श तरीके से हो भी नहीं सकता और करने की कोई आवश्यकता भी नहीं होती। परफेक्शन की जगह सुधार की सोचें।"
जिंदगी में निर्णय लेना क्या वाकई इतना महत्वपूर्ण है? जी हाँ! यदि हम खुद अपने निर्णय नहीं ले सकते तो हमें औरों का कहना मानना पड़ता है। यहाँ तक कि लोगों ने हमारी जिंदगी के बारे में किए हुए फैसलों पर भी चुपचाप अमल करना पड़ता है। भविष्य में शायद आपको इस बात का पछतावा हो सकता है कि ‘मैं हमेशा, छोटी-छोटी बातों में भी औरों का कहना क्यों मानता रहा? मैंने खुद अपने निर्णय क्यों नहीं लिए?’ डॉ. विकास दिव्यकीर्ति के वीडियो “सही निर्णय कैसे लें?” में उन्होंने निर्णय लेने की प्रक्रिया और सही निर्णय लेने के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। https://youtu.be/wZ0cgSMi8ek?si=ACvN2HsQnyhfKvUW। नीचे मुख्य बिंदुओं का सारांश दिया गया है:

निर्णय लेने का महत्व
जीवन में हर कदम पर हमें छोटे या बड़े निर्णय लेने होते हैं।
सही निर्णय हमारी सफलता और खुशहाल जीवन के लिए आवश्यक हैं।
गलत निर्णय अक्सर अनुभव की कमी, भावनात्मक दबाव या अधूरी जानकारी के कारण होते हैं।
निर्णय लेने के प्रमुख चरण
समस्या को समझें:
सबसे पहले समस्या को स्पष्ट रूप से समझें।
समस्या का सही विश्लेषण किए बिना लिया गया निर्णय गलत हो सकता है।
जानकारी एकत्र करें:
निर्णय लेने से पहले जितनी अधिक प्रासंगिक जानकारी हो सके, उसे इकट्ठा करें।
अधूरी जानकारी गलत निर्णय का कारण बन सकती है।
विकल्पों का मूल्यांकन करें:
विभिन्न विकल्पों के फायदे और नुकसान का आकलन करें।
तर्कसंगत तरीके से सोचें, भावनाओं में बहकर निर्णय न लें।
लक्ष्य पर ध्यान दें:
अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों और मूल्यों के अनुरूप निर्णय लें।
क्षणिक फायदे की बजाय दूरगामी परिणामों को देखें।
भावनाओं का संतुलन
निर्णय लेते समय भावनाओं को पूरी तरह दबाना या उनके अधीन होना, दोनों ही गलत है।
एक संतुलन बनाना आवश्यक है ताकि आप भावनात्मक और तार्किक दृष्टिकोण से सोच सकें।
अनुभव और ज्ञान का महत्व
अनुभव और ज्ञान निर्णय लेने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
अपने अनुभवों से सीखें और दूसरों के अनुभवों को भी समझें।
असफलताओं से सीखना
गलत निर्णय जीवन का हिस्सा हैं।
असफलताओं को सीखने का अवसर मानें और आगे बेहतर निर्णय लें।

ध्यान और संयम
कभी-कभी तुरंत निर्णय लेने की बजाय समय लेना बेहतर होता है।
संयमित रहकर और ठंडे दिमाग से सोचकर निर्णय लें।
सहायता और परामर्श लें
जरूरत पड़ने पर अपने गुरु, परिवार, मित्रों या विशेषज्ञों से परामर्श करें।
अलग-अलग दृष्टिकोण आपको बेहतर निर्णय लेने में मदद कर सकते हैं।
जोखिम और आत्मविश्वास
हर निर्णय के साथ कुछ न कुछ जोखिम होता है।
आत्मविश्वास रखें और अपने निर्णयों पर विश्वास करें।
नैतिकता और ईमानदारी
अपने निर्णय नैतिक और ईमानदार आधार पर लें।
ऐसे निर्णय लें जिनसे आप और समाज दोनों को लाभ हो।
अपने निर्णयों का पुनर्मूल्यांकन
समय-समय पर अपने निर्णयों की समीक्षा करें।
अगर कुछ गलत लगता है, तो सुधार करने से न हिचकें।

यह वीडियो एक गहन विश्लेषण है कि कैसे तार्किकता, अनुभव, और आत्मनिरीक्षण को मिलाकर सही निर्णय लिए जा सकते हैं। इस वीडियो के अंत में डॉ विकास दिव्यकीर्ति सर बताते हैं कि अगर कभी ऐसी दुविधा मन में हो, जहां आप निर्णय नहीं कर पा रहे हैं, ऐसे में अंतरात्मा की आवाज को सबसे ज्यादा महत्व देना चाहिए l“आपके पास जो है,आप जहां हैं वही से शुरू कीजिये। हर काम आदर्श तरीके से हो भी नहीं सकता और करने की कोई आवश्यकता भी नहीं होती। परफेक्शन की जगह सुधार की सोचें।”
किसी निर्णय को पूरा करने के लिए कुछ समय अवश्य लगता है। इस बीच निर्णय को अंजाम देते वक्त आपको दुविधा में डालनेवाली घटनाएँ भी हो सकती हैं। तब आपने उन कठिनाइयों को कैसे दूर किया, अपनी दुविधा को कैसे हटाया या उदासी को कैसे पराजित किया, ऐसी महत्वपूर्ण बातों को अपनी डायरी लिखकर रखें। आगे चलकर अगर वैसी ही दिक्कतों का सामना आपको दोबारा करना पड़ा तो डायरी की मदद से आप कम समय में दिक्कतों के बावजूद आगे बढ़ पाएँगे।इन छोटे छोटे कदमों को अपनाते हुए आपका आत्मविश्वास ज़रूर बढेगा। फिर एक समय ऐसा आएगा जब आप बड़े से बड़ा निर्णय भी सजगता और पूरे विश्वास के साथ ले पाएँगे। सही निर्णय लेने की कला सीखने की वजह से भविष्य में आपको अपने निर्णयों का पछतावा नहीं होगा। क्योंकि निर्णय लेते वक्त आपको किन चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, उसके लिए कौन सी तैयारी करनी होगी, इन बातों का अंदाजा आप पहले ही लगा पाएँगे तथा उनके अनुसार आपके कार्य सहजता से होंगे।ये सात कदम आपको सही और सफल निर्णय लेने में पूरी मदद करेंगे। सही निर्णय लेने से आपकी रचनात्मकता और अन्य छिपे हुए गुणों का विकास होगा। जिनके आधार पर आपका व्यक्तित्व विकसित होगा और आप एक सफल इंसान के रूप में जाने जाएँगे।इस विषय पर विस्तार से जानने के लिए पढ़ें – सरश्री द्वारा रचित पुस्तक ‘निर्णय और ज़िम्मेदारी’ और सरश्री के मार्गदर्शन पर आधारित पुस्तक ‘निर्णय लेने का आसान तरीका’
