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जयपुर: शिक्षकों के तबादलों पर रोक के चलते मचा हंगामा, शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बताई अगली योजना
जयपुर, विशेष संवाददाता:
प्रदेश में अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादले की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, लेकिन शिक्षा विभाग में अब भी तबादलों पर रोक लगी हुई है। इस मुद्दे पर शिक्षकों के संगठन लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी बीच, पंचायती राज एवं शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने बालोतरा जिले के दौरे पर शिक्षकों के तबादलों को लेकर बड़ा बयान दिया है।

तबादलों पर रोक का कारण परीक्षाएं: दिलावर
मदन दिलावर ने स्पष्ट किया कि शिक्षकों के तबादले परीक्षाओं के चलते अभी नहीं हो सकते। उन्होंने कहा, “फिलहाल प्रदेश में परीक्षाओं का समय है और इस दौरान तबादलों से शिक्षा व्यवस्था पर असर पड़ेगा। इसलिए शिक्षा विभाग को तबादलों से दूर रखा गया है। परीक्षाओं के बाद रणनीति बनाकर शिक्षकों के तबादले किए जाएंगे।”
शिक्षा विभाग के अलावा अन्य विभागों में तबादले शुरू
प्रदेश में 1 जनवरी से 10 जनवरी तक अधिकारियों और कर्मचारियों के तबादलों की अनुमति दी गई है। इस दौरान अन्य विभागों में तबादलों की नीति भी लागू कर दी गई है, जिसके तहत अधिकारियों को स्थानांतरित होने के बाद कम से कम दो साल तक एक ही जगह पर काम करना होगा। हालांकि, शिक्षा विभाग में अब तक तबादलों पर लगी रोक जारी है।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि डीपीसी और प्रमोशन की प्रक्रिया जल्द शुरू की जाएगी, जिससे शिक्षकों को उनका हक मिल सके। उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि पंचायतों के पुनर्गठन और सरपंचों के कार्यकाल में किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाएगी।
शिक्षक संगठनों में गुस्सा, विरोध जारी
शिक्षक संगठन पिछले 7 वर्षों से तबादलों की मांग कर रहे हैं। नई नीति के तहत अन्य विभागों में प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद शिक्षा विभाग में तबादले न होने से असंतोष गहरा गया है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि कांग्रेस सरकार के दौरान शिक्षा विभाग की अनदेखी हुई है और अब नई सरकार भी इस पर ध्यान नहीं दे रही है।

सरकारी स्कूलों की बदहाल स्थिति पर सवाल
मदन दिलावर ने कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “पूर्ववर्ती सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा को लेकर गंभीरता नहीं दिखाई। हिंदी मीडियम स्कूलों के नाम पर अंग्रेजी मीडियम का बोर्ड टांग दिया गया, जबकि शिक्षकों की नियुक्तियां हिंदी मीडियम की ही रहीं। कांग्रेस सरकार ने सरकारी स्कूलों में शिक्षा का स्तर गिरा दिया।”
उन्होंने यह भी बताया कि वर्तमान सरकार इंग्लिश मीडियम स्कूलों की समीक्षा के लिए कमेटी बनाएगी और शिक्षा में सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाएगी।
क्या है आगे की योजना?
शिक्षा मंत्री ने संकेत दिए हैं कि परीक्षाओं के बाद शिक्षकों के तबादलों की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके साथ ही, डीपीसी और प्रमोशन से संबंधित प्रक्रियाओं को भी प्राथमिकता दी जाएगी।

इस पूरे घटनाक्रम से यह स्पष्ट है कि शिक्षकों के तबादलों पर रोक के चलते शिक्षा विभाग और सरकार के बीच तनाव बढ़ रहा है। आने वाले समय में यह देखना होगा कि सरकार शिक्षकों की मांगों को पूरा करने के लिए क्या कदम उठाती है।