

केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए बड़ा फैसला लिया है। गुरुवार को कैबिनेट बैठक में 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दी गई। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि 8वें वेतन आयोग की सिफारिशें 1 जनवरी 2026 से लागू होंगी। यह कदम केंद्र सरकार के लगभग 1 करोड़ कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को लाभ पहुंचाएगा।
क्या है वेतन आयोग?
वेतन आयोग एक सरकारी समिति है जो केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन, भत्ते और पेंशन में संशोधन के लिए सुझाव देती है। इसे आमतौर पर हर 10 साल में लागू किया जाता है। वर्तमान में 7वां वेतन आयोग लागू है, जो 1 जनवरी 2016 से प्रभावी हुआ था। इसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2025 को समाप्त होगा।
8वें वेतन आयोग से क्या होगा बदलाव? वेतन में भारी वृद्धि:
लेवल-1 कर्मचारी:
7वें वेतन आयोग के तहत लेवल-1 कर्मचारियों की न्यूनतम बेसिक सैलरी 18,000 रुपए है।
8वें वेतन आयोग के तहत इसे बढ़ाकर 34,560 रुपए किया जा सकता है।
लेवल-18 अधिकारी:
कैबिनेट सचिव स्तर के अधिकारियों की मौजूदा अधिकतम बेसिक सैलरी 2.5 लाख रुपए है।
इसे बढ़ाकर 4.8 लाख रुपए तक किया जा सकता है। फिटमेंट फैक्टर में सुधार:
8वें वेतन आयोग के तहत फिटमेंट फैक्टर को 1.92 किया जाएगा। इसका सीधा असर कर्मचारियों की ग्रेड पे और बेसिक सैलरी पर होगा।
पेंशन पर असर:
लेवल-1 कर्मचारी:
अगर बेसिक सैलरी 34,560 रुपए हो गई, तो सेवानिवृत्ति के बाद पेंशन 50% यानी 17,280 रुपए होगी। इसमें महंगाई भत्ता (DA) भी जोड़ा जाएगा।
लेवल-18 अधिकारी:
उनकी पेंशन लगभग 2.4 लाख रुपए + DR की राशि होगी।
विशेष:
प्रमोशन और अन्य वेतन संशोधन के कारण रिटायरमेंट के समय कर्मचारी की सैलरी अधिक होती है, जिससे पेंशन भी ज्यादा होगी।
केंद्र सरकार का बड़ा कदम:
यह फैसला केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए राहतभरा साबित होगा। 8वें वेतन आयोग से न केवल वेतन और पेंशन में सुधार होगा, बल्कि यह महंगाई को ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करेगा।
सारांश:
8वां वेतन आयोग लागू होने से केंद्र सरकार के कर्मचारियों और पेंशनभोगियों की आय में उल्लेखनीय वृद्धि होगी। सरकार की यह पहल आर्थिक संतुलन बनाए रखने और कर्मचारियों को प्रोत्साहन देने का प्रयास है। 2026 से लागू होने वाला यह आयोग विकास और समृद्धि की दिशा में एक अहम कदम साबित हो सकता है।