राजस्थान में तीन दिन पहले बाड़मेर के बालोतरा में दलित युवक की चाकू मारकर हत्या कर दी गई। इस घटना के बाद मृतक के परिवारजनों के साथ दलित समाज के लोग न्याय की मांग को लेकर धरने पर हैं।
वहीं, कांग्रेस नेता और पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इस मुद्दे पर बयान जारी कर सियासत को गरमा दिया है।बालोतरा में 10 दिसंबर को दलित युवक की हत्या को लेकर अब सियासत उबाल लेने लगी है। न्याय की मांग को लेकर तीन दिन से मृतक के परिवारजन और दलित समाज के लोग धरने पर बैठे हैं। वहीं पूर्व सीएम अशोक गहलोत ने इस मामले में बयान जारी कर भजनलाल सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।गहलोत ने सोशल मीडिया अकाउंट ‘एक्स’ पर लिखा कि बालोतरा में एक दलित युवक की हत्या राज्य में कमजोर होती कानून-व्यवस्था का नमूना है। यह बेहद निंदनीय है कि दिनदहाड़े हत्या के मामले में भी आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पीड़ित पक्ष को धरना-प्रदर्शन करना पड़ा। उन्होंने आगे लिखा कि पिछले एक साल में दलित, आदिवासी एवं पिछड़े वर्ग के खिलाफ अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हुई है। राज्य सरकार को इस प्रकरण में अविलंब कार्रवाई कर पीड़ित परिवार के लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहिए।इस हत्याकांड के बाद मृतक के भाई का एक वीडियो सोशल मीडिया पर खूब वाइरल हो रहा है, जिसमें वह बोल रहे हैं कि उसकी पत्नी प्रेग्नेंट है, उसने क्या देखा है। उसके बच्चा होने वाला है। ठीक है, भाई है तो हम महीनेभर रोएंगे… दो महीने रोएंगे, लेकिन उसके बच्चे का क्या होगा। उसकी परवरिश कौन करेगा। हत्या करने वाले ने उसके बच्चे की भी हत्या की है। इसके साथ उसने हत्या की है मेरी मां की जो घर पर बाट देख रही है कि मेरा बेटा घर आएगा। साथ ही इस घटना के विरोध में समाज के लोग आरोपी की गिरफ्तारी, मुआवजा और सरकारी नौकरी की मांग कर रहे हैं। मरने वाले दलित युवक का नाम विशनाराम मेघवाल था। उसके लिए इस धरने में हजारों की संख्या में समाज के लोग शामिल हुए हैं। साथ ही धरने में पूर्व मंत्री हेमाराम चौधरी, पूर्व मंत्री गोपाराम मेघवाल, पूर्व विधायक रूपाराम धनदे, पदमाराम मेघवाल, मदन प्रजापत सहित अन्य जनप्रतिनिधि शामिल हुए हैं।
कलेक्टर-एसपी को लेकर भी नाराजगी
इस प्रदर्शन के दौरान समाज के लोगों में अफसरों को लेकर भी भारी नाराजगी देखने को मिल रही है। न्याय की मांगा को लेकर भारी संख्या में लोगों ने कलेक्ट्रेट पर रैली निकाली। जिला केक्ट्रेट के बाहर टायर जलाकर विरोध भी जताया। धरने में शामिल लोगों ने जिला कलेक्टर और एसपी को बाहर आकर ज्ञापन लेने की मांग की, लेकिन करीब आधे घंटे प्रदर्शन में बाद दोनों अधिकारी बाहर नहीं आए तो मृतक के परिजन कलेक्टर कार्यालय में ज्ञापन सौंप कर वापस धरना स्थल पर पहुंच गए।