मां भारती के रक्षक बायतु के लाल ने पार्थिव देह आज पहुँचगी बायतु, राजकीय सम्मान से होगा अन्तिम संस्कार

बाडमेर जिले के बायतु पनजी के लाल हनुमान राम कड़वासरा शहीद, 22 दिसंबर को श्रीनगर में हुए शहीद

बाडमेर जिले के बायतु पनजी क्षेत्र के लाल हनुमान राम कड़वासरा, जो भारतीय सेना में देश की रक्षा के लिए तत्पर थे, 22 दिसंबर 2024 को श्रीनगर, उत्तराखंड में वीरगति को प्राप्त हुए। हनुमान राम जी, जो तगाराम जी कड़वासरा के पुत्र थे, ने अपने जीवन का सर्वोत्तम बलिदान देश के लिए दिया। उनकी शहादत की खबर सुनते ही पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई और लोग उनके साहस और समर्पण की सराहना कर रहे हैं। हनुमान राम का पार्थिव शरीर 23 दिसंबर 2024 को उनके पैतृक गांव सालु का तला, बायतु पनजी में पहुंचेगा। यहां, उनकी शहादत को सम्मान देने के लिए पूरे गांव में शोक का माहौल है और लोग अंतिम संस्कार में शिरकत करने के लिए जुट रहे हैं। शहीद की अंतिम यात्रा में क्षेत्रीय लोग तथा विभिन्न सामाजिक संगठन राजकीय सम्मान के साथ उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। लीलाणा के सरपंच हंसराज गोदारा ने इस दुखद अवसर पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि “हनुमान राम हमारे गांव के गौरव थे। उन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। उनका बलिदान हमेशा याद रखा जाएगा।” अंतिम संस्कार का आयोजन बायतु के पास स्थित मिठिया तला लीलाला के शमशान घाट पर किया जाएगा, जहां शहीद हनुमान राम को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी जाएगी। शहीद की पार्थिव देह को श्रद्धांजलि देने के लिए गांव में कई सरकारी अधिकारी और स्थानीय नेता भी उपस्थित रहेंगे। हनुमान राम जी की शहादत ने उनके परिवार, गांव और पूरे देश को गर्व महसूस कराया है। उनके परिवार और गांव के लोग शोकित हैं, लेकिन साथ ही उन्हें इस बात का गर्व है कि उनके बेटे ने देश की रक्षा करते हुए अपनी जान दी। उनके योगदान को कभी भुलाया नहीं जाएगा और उनकी वीरता के किस्से हमेशा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देंगे। यह घटना पूरे बायतु पनजी क्षेत्र के लिए एक बड़ा आघात है, लेकिन साथ ही यह यह भी दिखाता है कि हमारे देश के जवान किस प्रकार अपनी जान की बाजी लगाकर देश की रक्षा करते हैं।

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