
पाडवो की तपोभुमी चौहटन नगरी मे 29 एंव 30 दिसंबर को मरुकुभ सुईया पोषण मेला का आज संतो के समागम के साथ शुरुवात हु ई। पाडवो की तपोभुमी चौहटन नगरी आज केसरिया ध्वजो से सजी हुई। महंत श्री जगदीश पुरी जी महाराज ने संतो के सानिध्य मे सुईया धाम मेले का आगाज किया । इस मेले मे करीब 10-12लाख लोगो के इस स्नान मे शामिल होने की सम्भावना है।
पाडवो की तपोभूमि चौहटन नगरी में मरुकुभ सुईया पोषण मेले का शुभारंभ राजस्थान के बाड़मेर जिले की चौहटन नगरी, जिसे पाडवो की तपोभूमि के रूप में जाना जाता है, में 29 और 30 दिसंबर को मरुकुभ सुईया पोषण मेले का भव्य आयोजन किया जा रहा है। इस मेले की शुरुआत आज संतों के समागम और भक्तिमय वातावरण में हुई। पूरे चौहटन क्षेत्र को इस अवसर पर केसरिया ध्वजों से सजाया गया, जिससे क्षेत्र में भक्ति और उल्लास का माहौल बना हुआ है।
उद्घाटन समारोह का आयोजन सुईया धाम मेले का उद्घाटन महंत श्री जगदीश पुरी जी महाराज के पवित्र सानिध्य में किया गया। उन्होंने मेले के महत्व को रेखांकित करते हुए इसे समाज और धर्म की उन्नति का एक पवित्र अवसर बताया। संतों और श्रद्धालुओं की उपस्थिति में धार्मिक अनुष्ठानों और मंत्रोच्चार के साथ मेले का शुभारंभ किया गया।
मेले की खासियत और आकर्षण मरुकुभ सुईया पोषण मेला अपनी धार्मिक और सांस्कृतिक विशेषताओं के लिए प्रसिद्ध है। यह मेला क्षेत्रीय लोक संस्कृति, धर्म और सामाजिक एकता का प्रतीक माना जाता है। इस बार मेले में करीब 10-12 लाख श्रद्धालुओं के शामिल होने की संभावना है, जो विभिन्न स्थानों से यहां स्नान, पूजा-अर्चना और धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए पहुंच रहे हैं। सुईया धाम, जहां यह मेला आयोजित होता है, को आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र माना जाता है। यहां के पवित्र जल में स्नान करने और पूजा करने से मोक्ष की प्राप्ति का विश्वास किया जाता है। मेले में धार्मिक सभाओं, भजन-कीर्तन और सत्संग जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
भक्तिमय वातावरण और तैयारियां मेले की तैयारियां कई दिनों पहले से ही शुरू हो गई थीं। पूरे क्षेत्र को रंगीन रोशनी और केसरिया झंडों से सजाया गया है। प्रशासन ने मेले में आने वाले लाखों श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए विशेष इंतजाम किए हैं, जिनमें स्वच्छता, पेयजल, चिकित्सा सेवाएं और सुरक्षा व्यवस्थाएं शामिल हैं।
सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व यह मेला केवल धार्मिक आयोजन तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में एकता और सांस्कृतिक समरसता का संदेश भी देता है। यहां संत-महात्माओं का प्रवचन और उनकी उपस्थिति श्रद्धालुओं को जीवन में धर्म, सेवा और मानवता के महत्व को समझने का अवसर प्रदान करती है।
मरुकुभ सुईया पोषण मेला क्षेत्र की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखने का एक अद्वितीय प्रयास है। लाखों लोगों की आस्था और उत्साह इसे एक अभूतपूर्व आयोजन बनाते हैं।