
चौहटन में मरुकुभ सुईया पोषण मेले का धर्म ध्वजारोहण कार्यक्रम: थार की अपणायत और भाईचारे की मिसाल राजस्थान के बाड़मेर जिले के चौहटन उपखंड मुख्यालय पर आयोजित होने वाले मरुकुभ सुईया पोषण मेले के धर्म ध्वजारोहण कार्यक्रम ने थार की अपणायत और भाईचारे का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। डुगराप्रमेश्वरा मठ में आयोजित इस विशेष कार्यक्रम ने न केवल धार्मिक महत्व को रेखांकित किया, बल्कि कौमी एकता और सामाजिक सौहार्द का भी संदेश दिया।
धर्म ध्वजारोहण कार्यक्रम में अद्वितीय नजारा डुगराप्रमेश्वरा मठ के पवित्र प्रांगण में आयोजित इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और समाज के विभिन्न वर्गों के लोग शामिल हुए। धर्म ध्वजारोहण के दौरान केसरिया ध्वज को धूमधाम से फहराया गया। इस मौके पर महंत श्री जगदीश पुरी जी महाराज और अन्य संतों ने अपनी उपस्थिति से कार्यक्रम को गौरवान्वित किया। सभी धर्मों और समुदायों के लोगों ने मिलकर इस कार्यक्रम में भाग लिया, जिससे यह कार्यक्रम हिन्दू-मुस्लिम भाईचारे और सामाजिक समरसता का प्रतीक बन गया। इस दौरान क्षेत्र के लोगों ने अपनी पारंपरिक पोशाक और रीति-रिवाजों का प्रदर्शन किया, जिससे थार की सांस्कृतिक धरोहर जीवंत हो उठी।
भाईचारे और एकता का संदेश इस कार्यक्रम की सबसे खास बात यह रही कि इसमें हिन्दू और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने एक साथ भाग लिया। दोनों समुदायों के लोगों ने मिलकर धर्म ध्वजारोहण किया और एकता का संदेश दिया। यह मेला केवल धार्मिक आयोजन नहीं है, बल्कि यह क्षेत्रीय अपणायत, भाईचारे और कौमी एकता की जिंदा मिसाल है। महंत श्री जगदीश पुरी जी महाराज ने अपने संबोधन में कहा कि यह मेला सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान तक सीमित नहीं है, बल्कि यह समाज में आपसी सद्भाव और भाईचारे को मजबूत करने का माध्यम है। उन्होंने कहा कि डुगराप्रमेश्वरा मठ में दिखने वाली यह एकता पूरे देश के लिए प्रेरणा है।
थार की अपणायत का परिचय मरुकुभ सुईया पोषण मेला थार के लोगों की अपणायत और सामाजिक जुड़ाव का प्रतीक है। इस मेले में स्थानीय लोक संस्कृति, पारंपरिक वेशभूषा और रीति-रिवाजों का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला। क्षेत्र के लोग न केवल मेले का हिस्सा बने, बल्कि उन्होंने एक-दूसरे की परंपराओं और संस्कारों को भी अपनाया।
समाज को दिया गया संदेश इस आयोजन ने एक बार फिर यह साबित किया कि चौहटन की भूमि धार्मिक सहिष्णुता और सामाजिक समरसता का केंद्र है। यह मेला न केवल धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह समाज को आपसी प्रेम, सौहार्द और भाईचारे का संदेश देता है।
स्थानीय प्रशासन और जनभागीदारी मेले के सफल आयोजन के लिए स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों ने विशेष प्रयास किए। सुरक्षा, स्वच्छता और अन्य व्यवस्थाओं को सुनिश्चित करने के लिए प्रशासन ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
निष्कर्ष मरुकुभ सुईया पोषण मेला चौहटन क्षेत्र में सामाजिक और सांस्कृतिक एकता का दर्पण है। डुगराप्रमेश्वरा मठ में धर्म ध्वजारोहण का यह कार्यक्रम न केवल थार की अपणायत को उजागर करता है, बल्कि पूरे देश के लिए भाईचारे और कौमी एकता का संदेश भी देता है।