नौनिहालो की नींव मजबूत करने के लिए आंगनबाड़ी है महत्वपूर्ण-दिया कुमारी

जयपुर : राजस्थान की उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने आंगनवाड़ी केंद्रों की महत्ता पर जोर देते हुए कहा कि नौनिहालों की सही पोषण, शिक्षा और देखभाल के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से प्रदेश के लगभग 62,000 आंगनवाड़ी केंद्रों में धात्री महिलाओं और 6 वर्ष तक के बच्चों को सही पोषण, टीकाकरण और शाला-पूर्व शिक्षा जैसी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने के लिए निरंतर प्रयास किए हैं।

उपमुख्यमंत्री ने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के मिशन – सबका साथ, सबका विकास और सबका प्रयास को पूरा करने के लिए यह आवश्यक है कि कोई भी पात्र व्यक्ति सरकारी योजनाओं के लाभ से वंचित न रहे। इसी दिशा में हमारी सरकार ने नवीनतम तकनीकी उपायों और सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हुए योजनाओं की प्रक्रिया को सरल बनाने का काम किया है।”

आदर्श आंगनवाड़ी केंद्रों का विकास
उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री श्री भजनलाल शर्मा के मार्गदर्शन में, राज्य सरकार ने पिछले एक वर्ष में राज्य के प्रत्येक ब्लॉक में एक आंगनवाड़ी केंद्र को सर्व-सुविधायुक्त आदर्श आंगनवाड़ी केंद्र के रूप में विकसित करने की स्वीकृति दी है। इसके अलावा, मुख्यमंत्री अमृत आहार योजना की शुरुआत की गई है, जिसके तहत 6 वर्ष तक के बच्चों को आंगनवाड़ी केंद्रों में सप्ताह में तीन दिन मीठा और गर्म दूध उपलब्ध कराया जाएगा।

पोषण के लिए पहल
राज्य सरकार ने 42 लाख से अधिक लाभार्थियों को हर महीने पूरक पोषाहार प्रदान किया जा रहा है। 6 माह से लेकर 6 वर्ष तक के बच्चों, गर्भवती और धात्री महिलाओं को माइक्रोन्यूट्रिएंट फोर्टिफाइड रेसिपी उपलब्ध कराई जा रही है। इसके अलावा, वितरण में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए नये साल में पोषण के वितरण को ओटीपी द्वारा सत्यापित किया जाएगा।

बच्चों के पोषण और शारीरिक विकास के लिए पहल
उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा, “हमारी सरकार ने 6204 मिनी आंगनवाड़ी केंद्रों को मुख्य आंगनवाड़ी केंद्रों में क्रमोन्नत किया और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में पाँच नई आंगनवाड़ी खोलने की घोषणा की है।” इसके साथ ही, राज्य में बालिकाओं के स्वास्थ्य और शैक्षिक स्तर को सुधारने के लिए लाडो प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है, जिसके तहत बालिकाओं के जन्म पर एक लाख रुपये का संकल्प पत्र प्रदान किया जाएगा।

प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के तहत, महिलाओं को 5000 रुपये से बढ़ाकर 6500 रुपये की राशि दी गई है, और दिव्यांग तथा गर्भवती महिलाओं के लिए यह राशि 10,000 रुपये कर दी गई है। इस साल इस योजना से 4.50 लाख महिलाओं को लाभ मिला है।

महिलाओं और बच्चों के कल्याण के लिए योजनाएं
उन्होंने यह भी बताया कि महिला सशक्तिकरण और बालिकाओं के पोषण के लिए मुख्यमंत्री नारी शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना के तहत बैंकों ने 57.65 करोड़ रुपये के 788 ऋण आवेदन स्वीकृत किए हैं। साथ ही, उड़ान योजना के तहत राज्य की लगभग 1.22 करोड़ महिलाओं और बालिकाओं को हर महीने 12 निःशुल्क सैनेटरी नैपकिन दिए जा रहे हैं।

बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत 13,821 बेटी जन्मोत्सव समारोह आयोजित किए गए, जिसमें 38,759 बालिकाओं के जन्मोत्सव मनाए गए और 1.37 लाख वृक्षों का रोपण किया गया।

महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में कदम
कुमारी ने कहा कि राज्य सरकार महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए लगातार काम कर रही है। सखी केंद्रों में 6105 महिलाओं को सहायता और परामर्श प्रदान किया गया और महिला हेल्पलाइन (181) के माध्यम से 9421 प्रकरणों में महिलाओं को सहायता दी गई।

कुपोषण के खिलाफ मुहिम
उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि राजस्थान में कुपोषण के मामलों में महत्वपूर्ण कमी आई है और सरकार का लक्ष्य कुपोषण की समस्या को हमेशा के लिए समाप्त करना है। उन्होंने आंगनवाड़ी केंद्रों पर खेलों के माध्यम से पढ़ाई को और रोचक बनाने के उद्देश्य से शिक्षा को प्रोत्साहित करने की बात कही।

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