वार्ड पुनर्गठन को लेकर मागीं आम जन से आपप्तिया।बाड़मेर शहर के 55 वार्डोका पुनसीमाकंन होगा करीब 52साल बाद परिषद की सीमा पर संशय

वार्ड पुनर्गठन को लेकर आमजन से मांगी आपत्तियां:बाड़मेर शहर के 55 वार्डों का पुनर्सीमांकन होगा, 52 साल बाद परिषद की सीमा विस्तार पर संशय बरकरार..!!

बाड़मेर

ब्लू लाइन के अंदर का एरिया नगरीय सीमा में शामिल होगा।
बाड़मेर शहर की करीब 1 लाख से ज्यादा आबादी के 55 वार्डों का पुनर्गठन व पुनर्सीमांकन शुरू हो गया है। नगर परिषद की ओर से आमजन, राजनैतिक पार्टियों से आपत्तियां आमंत्रित की है। करीब 50 साल से सीमा विस्तार की आस में बैठी शहरी क्षेत्र से जुड़ी करीब 60 हजार से ज्यादा आबादी को लेकर अब भी मामला अधरझूल में है। नगर परिषद के पूर्व में गठित 55 वार्डों का तो पुनर्गठन हो रहा है, लेकिन नगरीय सीमा विस्तार होगी या नहीं, इसको लेकर अब भी संशय बना हुआ है। जबकि नगर परिषद की पैराफेरी क्षेत्र में बसी दर्जनों कॉलोनियों में लोग 50 साल से रह रहे है, लेकिन वहां सड़क, पानी, रोड लाइट, नाली जैसी मूलभूत सुविधाएं भी नहीं है।

अब नगर परिषद के वार्डों का पुनर्गठन हो रहा है, लेकिन सीमा विस्तार का मामला अब भी ठंडे बस्ते में है। कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में 2019 में नगर परिषद बाड़मेर के वार्डों का पुनर्गठन किया गया था। अब भाजपा सरकार बनने के बाद एक बार फिर वार्डों की सीमा का निर्धारण किया जाएगा। इससे कई वार्डों का एरिया बदल जाएगा। हालांकि वार्डों की संख्या 55 ही रहनी है।

वार्डों में शामिल कॉलोनियां और इलाकों में बदलाव किया जाएगा। इसके लिए नगर परिषद की ओर से जनगणना 2011 को आधार मानते हुए वार्डों की पुन: सीमा तय की जाएगी। इससे कई वार्डों का नक्शा बदल जाएगा। नगर परिषद ने 21 जनवरी से 9 फरवरी 2025 तक वार्डों के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन को लेकर आपत्तियां मांगी है।

2023 में सीमा विस्तार का आदेश, बाड़मेर मगरा पंचायत का स्टे, संशोधित आदेश का इंतजार

नगर परिषद बाड़मेर की सीमा विस्तार करने की मांग 5 दशक पुरानी है। 1962 में हुए सीमा विस्तार के बाद अब तक यह मांग सिर्फ कागजों में ही अटकी हुई है। धरातल पर सीमा विस्तार को लेकर अब तक मामला अधरझूल में ही है। 2023 में नगरीय सीमा बाड़मेर का विस्तार किए जाने का सरकार ने आदेश जारी किया था। जिसमें शहर के आसपास की कॉलोनियां, बाड़मेर ग्रामीण संपूर्ण, बाड़मेर मगरा राजस्व गांव, बाड़मेर आगोर में बाड़मेर आगोर राजस्व गांव, बाड़मेर गादान राजस्व गांव को शामिल किया जाना था।

सरकार के आदेश को दो साल बीत रहे हैं, लेकिन अब तक सीमा विस्तार की प्रक्रिया भी शुरू नहीं हुई है। वजह ये भी है कि बाड़मेर मगरा राजस्व गांव को शामिल किए जाने के खिलाफ सरपंच जोगेंद्र सारण की ओर से कोर्ट में अपील की गई। जिस पर स्टे है। हालांकि अब बाड़मेर मगरा से नया राजस्व गांव माया का नाडिया बनाया गया है। ऐसे में सरपंच को माया का नाडिया राजस्व गांव को छोड़ बाड़मेर मगरा राजस्व गांव नगरीय सीमा में शामिल किए जाने से कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इसके लिए स्वायत्त शासन विभाग की ओर से अब तक संशोधित आदेश जारी नहीं किया गया है

“नगर परिषद ने फिलहाल सिर्फ वर्तमान वार्डों के पुनर्गठन और पुनर्सीमांकन को लेकर आपत्तियां मांगी है। नगर परिषद की सीमा विस्तार को लेकर आदेश होने के बाद बाड़मेर मगरा गांव का मामला कोर्ट में है। स्टे होने की वजह से सीमा विस्तार अटका है”

-श्रवणसिंह राजावत, कार्यवाहक आयुक्त, नगर परिषद बाड़मेर

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