
Syria News: बशर-अल-असद की सत्ता जाने के बाद सीरिया में एक ओर जश्न का माहौल है, तो वहीं तुर्की बॉर्डर पर कुछ लोग रोते-बिलखते नजर आ रहे हैं. वे हर हाल में अपने देश सीरिया में लौटना चाहते हैं. बॉर्डर पर मौजूद गार्ड उन्हें रोकते हैं, लेकिन मिन्नतें करते हैं, सीरिया के नागरिक होने का सबूत देते हैं. फिर इनमें से कुछ लोगों को अंदर दाखिल होने दिया जाता है. कई तो ऐसे भी हैं, जो पूरी रात नहीं सोए. बॉर्डर पर ही खड़े रहे. बार-बार गार्ड के पास जाकर गुहार लगाते रहे. इनकी तस्वीरें देखकर आपका भी दिल दहल उठेगा.

बशर-अल-अशद की सरकार से तंग हजारों सीरियाई भागकर तुर्की में चले गए थे. लेकिन जैसे ही असद की सत्ता जाने की खबर मिली, उन्होंने सारा सामान समेटा और अपने परिवार के साथ वतन लौटने लगे. सैकड़ों विस्थापित सीरियाई भी लेबनान से सीरिया लौट रहे थे, और दर्जनों गाड़ियां उनके लिए कतार में खड़ी थीं.

कई लोग भोर में ही कंबल और कोट ओढ़े सिल्वेगोज़ू और ओनकुपीनार बॉर्डर की ओर भागे ताकि सबसे पहले अपने वतन में घुस सकें. इन लोगों को कई जगह पुलिस ने रोका, लेकिन सारी बाधाओं को पार करते हुए ये बॉर्डर पर पहुंच गए. सिलवेगोजू बॉर्डर पर जब गार्डों ने अंदर आने से रोक दिया तो लोगों ने वहीं डेरा डाल दिया. ठंड से बचने के लिए आग जलाई और ठंडी जमीन पर यूं ही बच्चे और परिवार के साथ लेट गए. कुछ लोग बार-बार गार्डों के पास जाकर गुहार लगाते नजर आए.

सीरिया में लौटने का इंतजार कर रहे 28 वर्षीय मुहम्मद जिन बताया कि वे 2016 में दमिश्क से भाग गए थे और इस्तांबुल में रह रहे थे. वहीं पर काम करते थे. लेकिन जब असद के भागने की खबर मिली तो रहा नहीं गया. अपना घर देखने निकल पड़े. मुहम्मद जिन ने एपी से कहा, असद हम पर गोली चला रहा था, हमें मार रहा था. मैं अब सीरिया लौट जाऊंगा. अपने वतन लौट जाऊंगा. भगवान का शुक्र है कि युद्ध खत्म हो गया है.

18 साल के सीर अली, जो छह साल पहले दमिश्क से चले गए थे, अपनी मां और भाई-बहनों की मदद करने के लिए पास के शहर गाजियांटेप में काम कर रहे थे. उन्होंने कहा, हम बहुत खुश हैं, बहुत खुश हैं. सिर्फ मैं ही नहीं, बल्कि हम सभी सीरियाई लोग बहुत खुश हैं. हर कोई वापस लौटेगा, कोई भी यहां नहीं रहेगा. वे सभी अपने परिवारों के पास चले जाएंगे