जयपुर की उत्कर्ष कोचिंग सेंटर में हुई घटना की जांच में पता चला है कि स्टूडेंट्स सीवरेज की बदबू से बेहोश नहीं हुए थे, बल्कि मिर्ची की छोंक और उसकी बदबू से यह घटनाक्रम हुआ है। घटना रविवार शाम 6:45 पर हुई थी, जब अचानक 10 स्टूडेंट्स बेहोश हो गए थे और उन्हें पास के सोमानी अस्पताल में एडमिट करवाया गया था। कोचिंग को जांच पूरी होने तक के लिए सील कर दिया गया था।नगर निगम मानसरोवर जोन उपायुक्त लक्ष्मीकांत कटारा के नेतृत्व में जांच बैठाई गई थी, जिसमें पता चला कि मिर्ची की गंध वाली बात सामने आई। जांच टीम ने कोचिंग सेंटर के आसपास के इलाके में जांच की और पाया कि वहां कोई सीवरेज की बदबू नहीं थी। इसके बाद स्टूडेंट्स के बयान पर मिर्ची की गंध वाली बात सामने आई।जांच टीम ने बताया कि कोचिंग सेंटर के पास एक रेस्तरां है, जहां मिर्ची की छोंक की गई थी। इसकी बदबू से स्टूडेंट्स बेहोश हो गए थे। जांच टीम ने यह भी बताया कि कोचिंग सेंटर में वेंटिलेशन की व्यवस्था ठीक नहीं थी, जिससे बदबू कोचिंग सेंटर में फैल गई थी।इस घटना के बाद कोचिंग सेंटर के मालिक के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने बताया कि मालिक के खिलाफ लापरवाही और जान जोखिम में डालने का मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा नगर निगम ने भी कोचिंग सेंटर के खिलाफ कार्रवाई की है। नगर निगम ने कोचिंग सेंटर को सील कर दिया है और इसके मालिक को नोटिस जारी किया है।

रिपोर्ट में बताया न सीवरेज की बदबू थी और न ब्लॉकेज मिला,
चैंबर भी खंगाले इस रिपोर्ट में जोन उपायुक्त ने बताया कि घटना पहले फ्लोर पर हुई। सोमवार को टीम यहां जांच के लिए पहुंची। जहां बच्चे बैठे थे, उस क्लास को भी देखा। वहां किसी भी तरह की सीवरेज की बदबू या जलने की बदबू नहीं आ रही थी। इसके बाद नगर निंगम की टीम ने कोचिंग सेंटर के आसपास के सीवर लाइन और चैंबर की भी जांच की। जहां कोई ब्लॉकेज और भराव जैसी स्थिति नहीं मिली। जांच रिपोर्ट में मीथेन गैस (सीवर चैंबर से निकले वाली गैस) से हादसा होने की बात से इंकार किया है।इस रिपोर्ट में बताया गया कि- कोचिंग सेंटर के बाद घटना में प्रभावित हुए बच्चों के बयान लिए गए। इसमें बच्चों ने मिर्च के गंध आने की बात कही। इसके बाद ये घटना हुई थी।

बड़े चैम्बर में पड़ता है मीथेन का प्रभाव
नगर निगम के अधिकारियों के मुताबिक अगर कोई सीवरेज से आने वाली मीथेन गैस से ये घटना होती तो इसका प्रभाव सबसे पहले ग्राउंड फ्लोर पर दिखता। अमूमन मीथेन गैस का इस तरह का प्रभाव बड़े सीवरेज चैंबर (200 से 900MM की लाइन से जुड़े) के अंदर या उसके आसपास रहता है। इधर, इस घटना के बाद एफएसएल की टीम ने यहां पानी की सैंपल लिए हैं। वहीं बेहोश हुए बच्चों से जब बातचीत की तो उन्होंने भी मिर्ची की धांस और छोंक जैसी गंध आने की बात कही है।
इन अधिकारियों की बनाई थी टीम
ग्रेटर नगर निगम के मानसरोवर जोन के स्तर से छह सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई थी। इसमें अधिशाषी अभियंता संदीप माथुर, सहायक नगर नियोजक सीमा माथुर, राजस्व अधिकारी सुनील बैरवा, सहायक अन्निशमन अधिकारी देवांग यादव, मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक सुरेश कुमार और सहायक स्वास्थ्य निरीक्षक नेहा मण्डावरिया शामिल थे। प्रारंभिक रिपोर्ट टीम ने ग्रेटर नगर निगम के अधिकारियों को सौंप दी है।
हादसे के बाद छात्र नेता बैठ गए थे धरने पर, निगम की कार्रवाई का कोचिंग विद्यार्थियों ने किया था विरोध
रविवार देर रात राजस्थान यूनिवर्सिंटी के निवर्तमान छात्र संघ अध्यक्ष निर्मल चौधरी अपने समर्थकों के साथ पहुंच गए थे। छात्र नेताओं, उनके समर्थकों की पुलिस से झड़प भी हुई थी। कई छात्रों को पुलिस ने हिरासत में भी लिया था। इसके बाद निर्मल चौधरी सहित तमाम छात्र नेता धरने पर बैठ गए थे। उत्कर्ष कोचिंग सेंटर के सामने छात्र नेता निर्मल चौधरी और विकास विधूड़ी के साथ 20 छात्र पूरी रात धरने पर रहे। सील की कार्रवाई के बाद इनका धरना सोमवार दोपहर में खत्म हो गया था। इधर, निगम की कार्रवाई के बाद उत्कर्ष कोचिंग के स्टूडेंट सील की कार्रवाई के विरोध में उतर आए थे। कोचिंग के सामने बड़ी संख्या में ऐसे स्टूडेंट इकट्ठे हो गए और विरोध जताने लगे थे। उनका कहना था कि जब तक कोचिंग का सील नहीं खुलेगा, हम धरने पर बैठे रहेंगे। हालांकि सोमवार शाम को सभी को वहां से हटा दिया था।