अब उच्च शिक्षा संस्थानों (HEIs) में असिस्टेंट प्रोफेसर बनने के लिए UGC NET परीक्षा पास करना अनिवार्य नहीं होगा। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने फैकल्टी भर्ती और प्रमोशन के लिए UGC की नई ड्राफ्ट गाइडलाइंस जारी की हैं। इन गाइडलाइंस के अनुसार, बिना NET परीक्षा पास किए, केवल Ph.D. धारक उम्मीदवार भी असिस्टेंट प्रोफेसर पद के लिए आवेदन कर सकते हैं।
नई गाइडलाइंस में यह प्रावधान भी किया गया है कि कैंडिडेट्स अपने पोस्ट ग्रेजुएशन (PG) के विषय से अलग विषय में NET कर सकते हैं। इसके तहत उम्मीदवारों को ज्यादा विषयों में अवसर मिलेगा।
वाइस चांसलर पद के लिए टीचिंग अनुभव की अनिवार्यता खत्म
ड्राफ्ट गाइडलाइंस के मुताबिक, वाइस चांसलर (VC) बनने के लिए अब 10 साल का टीचिंग अनुभव जरूरी नहीं होगा। किसी भी क्षेत्र के विशेषज्ञ, जिनके पास सीनियर स्तर पर काम करने का 10 साल का अनुभव है और अच्छा ट्रैक रिकॉर्ड है, वे वाइस चांसलर बनने के पात्र होंगे। VC की नियुक्ति के लिए यूनिवर्सिटी के चांसलर एक चयन समिति का गठन करेंगे।
गाइडलाइंस पर सुझाव आमंत्रित
UGC ने इन गाइडलाइंस को अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर सार्वजनिक किया है और उद्योग विशेषज्ञों तथा अन्य संबंधित पक्षों से सुझाव और फीडबैक मांगे हैं। यह ड्राफ्ट 5 फरवरी 2025 के बाद लागू किया जा सकता है।
नई गाइडलाइंस का उद्देश्य
UGC के चेयरमैन एम. जगदीश कुमार ने बताया कि इन बदलावों का उद्देश्य उच्च शिक्षा में स्वतंत्रता और फ्लेक्सिबिलिटी को बढ़ाना है। नई नीतियां मल्टी-सब्जेक्ट बैकग्राउंड वाले फैकल्टी को भर्ती करने में मदद करेंगी।

पुराने मामले: 2024 में पुणे के VC विवाद
2024 में गोखले इंस्टीट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (GIPE), पुणे के वाइस चांसलर अजीत रानाडे को 10 साल का टीचिंग और रिसर्च अनुभव न होने के कारण पद से हटा दिया गया था। हालांकि, बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनके फील्ड एक्सपीरियंस को मान्यता दी और उन्हें वापस पद पर बहाल कर दिया। इसके बावजूद, उन्होंने नवंबर 2024 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

निष्कर्ष
UGC की नई गाइडलाइंस उच्च शिक्षा क्षेत्र में बड़ा बदलाव लाने के लिए तैयार हैं। यह न केवल प्रतिभाशाली उम्मीदवारों को अवसर प्रदान करेंगी, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों को भी उच्च शिक्षा में योगदान करने का मौका देंगी।