
नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) ने NEET-UG 2025 परीक्षा के पैटर्न में बड़ा बदलाव किया है। नई अधिसूचना के अनुसार, अब परीक्षा पुराने कोविड पैटर्न पर आधारित होगी। इसमें 200 की जगह 180 सवाल होंगे और परीक्षा का समय 3 घंटा 20 मिनट से घटाकर 3 घंटे कर दिया गया है। इसके अलावा, प्रश्नपत्र को दो भागों (सेक्शन ए और बी) में विभाजित नहीं किया जाएगा। इस बदलाव को लेकर छात्रों और विशेषज्ञों के बीच चर्चा तेज हो गई है।

पिछले साल का विवाद और बदलाव की वजह
विशेषज्ञों के अनुसार, 2024 की NEET-UG परीक्षा में देशभर के 67 छात्रों ने 720 में से 720 अंक हासिल किए थे। इस पर सवाल उठाए गए थे कि परीक्षा का स्तर बेहद आसान हो गया है। परीक्षा प्रणाली पर सवाल खड़े होने के बाद NTA ने इस साल बदलाव करने का फैसला लिया है। कोटा के करियर काउंसलिंग विशेषज्ञ पारिजात मिश्रा ने कहा, “संभव है कि इस बार ऐसे विवादों से बचने और परीक्षा की विश्वसनीयता बनाए रखने के लिए यह कदम उठाया गया हो।”
पुराना और नया पैटर्न: क्या बदला?
पुराना पैटर्न (2021-2024):
कुल प्रश्न: 200
सेक्शन ए:
फिजिक्स: 35 प्रश्न
केमिस्ट्री: 35 प्रश्न
बायोलॉजी (बॉटनी और जूलॉजी): 70 प्रश्न
NEET-UG 2025: परीक्षा पैटर्न में बड़ा बदलाव, 180 सवाल और 3 घंटे का समय; 2 भागों में नहीं होगा पेपर
फिजिक्स: 15 प्रश्न (10 अटेम्प्ट करने का विकल्प)
केमिस्ट्री: 15 प्रश्न (10 अटेम्प्ट करने का विकल्प)
बायोलॉजी: 30 प्रश्न (20 अटेम्प्ट करने का विकल्प)
परीक्षा का कुल समय: 3 घंटा 20 मिनट
नया पैटर्न (2025):
कुल प्रश्न: 180
फिजिक्स: 45 प्रश्न
केमिस्ट्री: 45 प्रश्न
बायोलॉजी (बॉटनी और जूलॉजी): 90 प्रश्न
प्रश्न पत्र एक ही भाग में होगा और सभी प्रश्न करना अनिवार्य होगा।
परीक्षा का कुल समय: 3 घंटे
क्या होगा छात्रों पर प्रभाव?
नए पैटर्न में छात्रों को अब सभी 180 प्रश्न हल करने होंगे, जिससे उनका ध्यान और समय प्रबंधन बेहद अहम हो जाएगा। सेक्शन बी को हटाने से चयनात्मक प्रश्न हल करने का विकल्प खत्म हो गया है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह बदलाव परीक्षा को थोड़ा कठिन बना सकता है, जिससे छात्रों को बेहतर तैयारी करनी होगी।
कोविड पैटर्न पर लौटने की वजह
कोविड-19 महामारी के दौरान NEET-UG परीक्षा में इसी तरह का पैटर्न अपनाया गया था, जिसमें 180 सवाल और 3 घंटे का समय दिया गया था। यह पैटर्न अपेक्षाकृत सरल और समयबद्ध माना गया था। अब उसी पैटर्न को वापस लाने का उद्देश्य छात्रों को बेहतर मूल्यांकन प्रक्रिया से गुजराना हो सकता है।
विशेषज्ञों की राय
पारिजात मिश्रा का कहना है, “इस बदलाव से परीक्षा के स्तर में सुधार होगा और सही प्रतिभा का चयन करने में मदद मिलेगी। छात्रों को अब सभी विषयों पर समान ध्यान देना होगा, क्योंकि प्रश्नों की संख्या सीमित कर दी गई है और विकल्प खत्म हो गए हैं।”

छात्रों को क्या करना चाहिए?
सिलेबस पर ध्यान दें: फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के सभी टॉपिक्स को गहराई से पढ़ें।
समय प्रबंधन सीखें: 3 घंटे में सभी 180 सवाल हल करने की प्रैक्टिस करें।
मॉक टेस्ट दें: नियमित रूप से नए पैटर्न पर आधारित मॉक टेस्ट हल करें।
पुराने पेपर्स हल करें: कोविड के समय के प्रश्नपत्रों का अभ्यास करें।