“दे सलामी इस तिरंगे को जिससे तेरी शान है
सर हमेशा ऊँचा रखना इसका जब तक दिल मे जान है “
आदरणीय मुख्य अतिथि, प्रधानाचार्य महोदय, गांव से पधारे हुए मेहमानों, गुरुजनों, मेरे सहपाठी भाइयों एवं बहनों, आप सभी को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!आज हम सब यहां भारतीय गणतंत्र दिवस का महोत्सव मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। साथियों, 15 अगस्त 1947 को हमारा देश गुलामी की बेड़ियों से मुक्त जरूर हो गया था लेकिन देश की शासन व्यवस्था को चलाने के लिए हमारे पास अपना संविधान नहीं था। संविधान के बगैर देश को नहीं चलाया जा सकता। ऐसे में तब एक संविधान सभा का गठन किया गया और संविधान बनाया गया। इसमें निर्माण में डॉ. भीमराव अंबेडकर की सबसे अहम भूमिका रही। संविधान को बनने में 2 साल 11 महीनें 18 दिन का समय लगा। गहन विचार विमर्श, मंथन, कई बैठकों के बाद बनाए गए इस संविधान को देश में 26 जनवरी 1950 को लागू किया गया और भारत को लोकतांत्रिक, संप्रभु और गणतंत्र देश के रूप में घोषित किया गया।देश के 76 वें गणतंत्र दिवस के दिन हम सभी भारतवासियों को भारत की तरक्की और खुशहाली की कामना करनी चाहिए। इसके साथ ही हमें प्रण लेना चाहिए कि हम भारत के विकास और उन्नति में अपना योगदान देंगे। साथ ही हम सब मिलकर भारत को सफलता की ऊँचाइयों पर पहुंचाएंगे।
“कुछ नशा तिरंगे की आन का है
कुछ नशा मातृभूमि की शान का है
हम लहरायेंगे हर जगह ये तिरंगा,
नशा ये हिंदुस्तान की शान का है!🇮🇳!”
इसी के साथ में अपने भाषण का समापन करना चाहूंगा
। जय हिंद… जय भारत !
Sarvan Bishnoi