बाड़मेर: सोलर प्लांट का मुआवजा विवाद: विधायक रविन्द्र भाटी और पूर्व सरपंच प्रतिनिधि के बीच तीखी बहस, इस वजह से गरमाया मामला।
बाड़मेर जिले की शिव विधानसभा क्षेत्र के हड़वा गांव में गुरुवार रात विधायक रविंद्र सिंह भाटी और पूर्व सरपंच प्रतिनिधि के बीच तीखी बहस का मामला सामने आया है। इस घटना से जुड़े कई वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। वीडियो में पूर्व सरपंच प्रतिनिधि अनोप सिंह राठौड़ और शिव विधायक पर दलाली और घटिया राजनीति करने के आरोप लगाते दिख रहे हैं, जबकि विधायक ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है।*मुआवजा विवाद का क्या है मामला:*यह विवाद सोलर कंपनी द्वारा किसानों की जमीन अधिग्रहण और ग्रामीणों को उचित मुआवजा न देने से जुड़ा है। हड़वा गांव में किसानों की जमीन पर बिजली कंपनी द्वारा खंभे और तार बिछाने का काम चल रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि कंपनी ने उनकी जमीन का उचित मुआवजा नहीं दिया और कई मामलों में बिना टोकन मनी दिए काम शुरू कर दिया गया। इसको लेकर ग्रामीण 5 दिसंबर से धरने पर भी बैठे हुए हैं।
विधायक और पूर्व सरपंच प्रतिनिधि के बीच बहस:
वायरल वीडियो में विधायक रविंद्र सिंह भाटी पूर्व सरपंच प्रतिनिधि अनोप सिंह राठौड़ से गुस्से में यह कहते हुए नजर आ रहे हैं कि, “चुप, कौन दलाली करता है? किसकी और क्या की? मजाक समझ रखा है क्या? आप अकेले को रुपए चाहिए, बाकी गांव वालों को काम नहीं चाहिए।” बता दें, इस दौरान मौके पर पुलिस भी मौजूद थी। वहीं, पूर्व सरपंच प्रतिनिधि अनोप सिंह राठौड़ ने विधायक और उनके परिजनों पर गंभीर आरोप लगाए। राठौड़ ने कहा कि, विधायक दादागिरी और गुंडागर्दी कर रहे हैं। वे ठेकेदारों के साथ मिलकर किसानों के हक को छीनने का काम कर रहे हैं।
शिव विधायक भाटी का पक्ष:
विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि उन्होंने किसानों के हक की लड़ाई लड़ी है। भाटी ने कहा कि कंपनियां किसानों के साथ अन्याय कर रही थीं। किसानों ने मुझसे मदद मांगी, और मैंने उन्हें उचित मुआवजा दिलाने के लिए प्रशासन और कंपनी से बातचीत की। कुछ लोग ठेकेदारी में व्यक्तिगत स्वार्थ के कारण मुझ पर आरोप लगा रहे हैं।
पूर्व सरपंच प्रतिनिधि का पक्ष:
पूर्व सरपंच प्रतिनिधि अनोप सिंह राठौड़ ने आरोप लगाया कि विधायक और उनके परिवार के लोग काम में बाधा डाल रहे हैं। राठौड़ ने कहा कि मैं अपनी जमीन पर काम कर रहा हूं। न मैंने किसी किसान की टोकन मनी खाई है, न ही कोई गलत काम किया है। लेकिन विधायक दादागिरी कर रहे हैं और ग्रामीणों को गुमराह कर रहे हैं।
कंपनी पर ग्रामीणों का आक्रोश:
इधर ग्रामीणों का कहना है कि बिजली कंपनी ने मुआवजे को लेकर जो वादे किए थे, वे पूरे नहीं किए गए। किसानों का कहना है कि उन्हें उनकी जमीन का वाजिब दाम उन्हें नहीं मिले हैं। अब विधायक और पूर्व सरपंच प्रतिनिधि के बीच आरोप-प्रत्यारोप ने मामले को और गरमा दिया है।