
थार के वीर, मातृभूमि की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले शहीद हनुमान राम कड़वासरा को आज समस्त देश श्रद्धांजलि अर्पित कर रहा है। उनकी शहादत केवल उनके परिवार के लिए ही नहीं, बल्कि सम्पूर्ण राष्ट्र के लिए एक अपूरणीय क्षति है। उन्होंने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों की आहुति दी और अपनी वीरता से इतिहास के पन्नों में अमिट छाप छोड़ी। उनकी शहादत हमें यह सिखाती है कि देश की सुरक्षा और उसकी अखंडता के लिए किसी भी कीमत पर बलिदान देने की आवश्यकता होती है।हनुमान राम जी कड़वासरा का जन्म राजस्थान के थार क्षेत्र में हुआ था। इस क्षेत्र में अत्यधिक कठिन परिस्थितियां और मौसम की चुनौतियाँ होती हैं, लेकिन उन्होंने अपने जीवन को राष्ट्र की सेवा में समर्पित कर दिया। भारतीय सेना के जवान के रूप में उन्होंने अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए देश की सीमाओं की रक्षा की और हर संकट के सामने साहस और वीरता से खड़े रहे। उनका जीवन संघर्ष, समर्पण और देशभक्ति का प्रतीक बन चुका है।शहीद हनुमान राम जी कड़वासरा ने अपने कर्तव्यों को निभाते हुए कई महत्वपूर्ण अभियानों में भाग लिया। एक अद्वितीय सैनिक के रूप में, उन्होंने अपने समर्पण और वीरता से न केवल अपने साथियों को प्रेरित किया, बल्कि शत्रु को भी यह दिखाया कि भारतीय सेना का हर सैनिक देश की रक्षा के लिए हर मुश्किल को सहने के लिए तैयार है। उनकी शहादत ने यह साबित किया कि हमारी सेनाएँ केवल युद्ध के मैदान में नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा की हर एक चुनौती में हमेशा अग्रसर रहती हैं।उनकी शहादत के समय, उन्होंने न केवल देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी, बल्कि अपने परिवार और राष्ट्र के प्रति अपने कर्तव्यों का सर्वोच्च पालन किया। हनुमान राम कड़वासरा के परिवार के लिए यह दुःख अत्यंत गहरा है, लेकिन उनके बलिदान को देखकर हर भारतीय का सिर गर्व से ऊँचा हो जाता है। उनकी वीरता और बलिदान को सदैव याद रखा जाएगा, और आने वाली पीढ़ियाँ उनके मार्गदर्शन से प्रेरणा लेंगी। हनुमान राम कड़वासरा की शहादत से यह भी साबित होता है कि भारतीय सैनिकों का साहस और वीरता किसी भी कठिनाई के सामने कमजोर नहीं पड़ती। चाहे युद्ध हो या आंतरिक सुरक्षा की चुनौतियाँ, भारतीय सेना अपने मिशन को पूरा करने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध रहती है। हमारे सैनिकों का जीवन देश की रक्षा के लिए समर्पित होता है, और शहीद हनुमान राम कड़वासरा इस समर्पण के सर्वोत्तम उदाहरण हैं।इस दुःखद समय में, हम सभी उनकी वीरता को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदनाएँ व्यक्त करते हैं। परमपिता परमेश्वर से प्रार्थना करते हैं कि वे शहीद की आत्मा को शांति और उनके परिवार को इस दुःख को सहन करने की शक्ति प्रदान करें। उनकी शहादत और उनका साहस हमें अपने कर्तव्यों और राष्ट्र के प्रति अपनी जिम्मेदारी को पूरी निष्ठा और समर्पण के साथ निभाने के लिए प्रेरित करता है।आज, हम सभी को यह याद रखना चाहिए कि शहीद हनुमान राम कड़वासरा जैसे वीरों के बलिदान के कारण हम सुरक्षित हैं और अपनी धरती पर शांति से जीवन जी रहे हैं। उनकी शहादत केवल एक सैनिक की शहादत नहीं, बल्कि पूरे देश की शहादत है। हम उनके योगदान को कभी नहीं भूल सकते, और उनकी वीरता को हमेशा याद रखेंगे। जय हिन्द!