
गुड़ामालाणी | यह घटना भाखरपुरा गांव के एक दलित युवक के साथ हुई, जिसे जातिवादी मानसिकता से प्रेरित होकर प्रताड़ित किया गया। पीड़ित युवक का नाम फिलहाल सामने नहीं आ पाया है, लेकिन सूत्रों के अनुसार उसे सरेआम उल्टा लटकाकर मारपीट की गई। इस घटना के बाद स्थानीय दलित समुदाय में आक्रोश व्याप्त है और सोशल मीडिया पर इस जघन्य कृत्य की निंदा की जा रही है।
इस घटना के बाद भारतीय अम्बेडकर सेना (BHIM ARMY) ने विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई है और इस मुद्दे पर सरकार से कड़ी कार्रवाई की मांग की है। भाखरपुरा के इस कृत्य को लेकर राज्य के कई प्रमुख नेताओं ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। भ्रामक खबरों के बीच भाजपा के नेता, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस घटना की निंदा की है और प्रशासन से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
राजस्थान सरकार के मंत्री हरीश चौधरी और अर्जुन राम मेघवाल ने इस घटना की जानकारी ली और पुलिस प्रशासन से कार्रवाई में तेजी लाने की अपील की। इस मुद्दे पर राज्य सरकार ने पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है। राज्य के अन्य राजनीतिक नेताओं ने भी इस पर चिंता व्यक्त की है और उन्होंने आरोपियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की है।
वहीं, राजस्थान के समाजिक कार्यकर्ता और दलित अधिकार कार्यकर्ता आनंद पाल आजाद ने इस घटना को सामाजिक न्याय की प्रक्रिया पर एक बड़ा धक्का बताया है। उनका कहना है कि इस प्रकार की घटनाएं समाज में जातिवाद को और बढ़ावा देती हैं और सरकार को इस दिशा में ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है।
राजस्थान में दलित उत्पीड़न की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं, और इससे निपटने के लिए प्रभावी कानूनों और सख्त कानून व्यवस्था की आवश्यकता है। ऐसे मामलों में कई बार आरोपी खुलेआम घूमते हैं और पीड़ित को न्याय मिलने में लंबा समय लग जाता है। इस प्रकार की घटनाएं समाज में नफरत और भेदभाव को बढ़ावा देती हैं, जिसके कारण समाज का हर वर्ग प्रभावित होता है।
समाज के विभिन्न तबकों ने इस घटना की निंदा करते हुए आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अब यह देखना होगा कि राज्य सरकार और पुलिस प्रशासन इस घटना पर कितनी तत्परता से कार्यवाही करते हैं और आरोपियों को सजा दिलवाने में कितनी सफलता प्राप्त करते हैं।
इस घटना ने एक बार फिर जातिवाद और दलित उत्पीड़न के मुद्दे को सुर्खियों में ला दिया है, जिससे सरकार और समाज के सभी वर्गों को इस मुद्दे पर गंभीरता से सोचना और काम करना आवश्यक हो गया है।