
बाड़मेर जिले के धोरीमन्ना कस्बे में स्थित प्रसिद्ध आलम पशु मेला 15 जनवरी 2025, बुधवार को दोपहर 12 बजे से प्रारंभ होगा। यह मेला एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और व्यापारिक आयोजन है, जिसमें राजस्थान के विभिन्न क्षेत्रों के साथ-साथ गुजरात और महाराष्ट्र जैसे राज्यों के व्यापारी भी भाग लेते हैं। मेले का आयोजन धोरीमन्ना पंचायत समिति द्वारा किया जाता है और इसे लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
यह मेला 15 जनवरी से लेकर 22 जनवरी तक चलेगा, हालांकि व्यापारियों को 20 दिनों तक अपनी दुकाने लगाने का अवसर मिलेगा।आलम पशु मेला मुख्य रूप से पशु व्यापार, विशेषकर ऊंटों, बैलों और अन्य घरेलू जानवरों के व्यापार के लिए प्रसिद्ध है। इस मेले में राज्य भर से व्यापारी और किसान अपने पशुओं को बेचने और खरीदने के लिए भाग लेते हैं। इसके अलावा, मेले में अन्य व्यापारिक गतिविधियाँ भी होती हैं।
मेला प्रभारी बाबूलाल बिश्नोई के अनुसार, इस साल भी मेला भव्य रूप से आयोजित किया जा रहा है, और व्यापारी व दुकानदार अपने व्यापार के लिए तैयार हैं।मेले के दौरान हाट बाजार का आयोजन भी किया जाएगा, जिसमें खिलौने, झूले, सर्कस, बर्तन के आइटम, मिठाई की दुकानें और घरेलू सामग्री की दुकाने लगेंगी। दूरदराज इलाकों से लोग इस मेले में खरीदारी करने के लिए आते हैं। मेले में स्थानीय और बाहरी व्यापारियों के बीच व्यापारिक गतिविधियाँ देखने को मिलती हैं, जिससे आसपास के इलाकों की अर्थव्यवस्था में भी उत्साह का माहौल बनता है। इसके साथ ही, मेले के दौरान विभिन्न सांस्कृतिक और मनोरंजन कार्यक्रमों का भी आयोजन होता है, जो दर्शकों को आकर्षित करते हैं।
धोरीमन्ना पंचायत समिति के विकास अधिकारी हरमन बिश्नोई ने बताया कि मेले की तैयारियों को लेकर सभी जरूरी कदम उठाए गए हैं। इसके साथ ही, मेले की सुरक्षा और सुविधाओं का भी ध्यान रखा गया है, ताकि आने वाले दर्शकों और व्यापारियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े। मेले के शुभारंभ से पहले ध्वजारोहण और पूजन पाठ का आयोजन किया जाएगा, जिससे मेले की शुरुआत विधिवत रूप से होगी।इस मेले को लेकर व्यापारियों और किसानों में विशेष उत्साह का माहौल है।
वे इसे अपने व्यापार और फसल के लिए एक अवसर मानते हैं। इस मेले में हिस्सा लेने के लिए बड़ी संख्या में लोग पहले ही धोरीमन्ना पहुंच चुके हैं। मेले के आयोजन से आसपास के क्षेत्रों में पर्यटन और स्थानीय व्यवसाय को भी बढ़ावा मिलता है।इस प्रकार, धोरीमन्ना का आलम पशु मेला न केवल एक व्यापारिक मेला है, बल्कि यह क्षेत्रीय सांस्कृतिक और सामाजिक जीवन का भी अहम हिस्सा बन चुका है। यह आयोजन बाड़मेर जिले की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करता है और यहां के लोगों के लिए एक महत्वपूर्ण सामाजिक और व्यापारिक अवसर है।