राजस्थान सरकार की सख्ती: लेटलतीफ और बिना अनुमति अनुपस्थित कर्मचारियों पर होगी कड़ी कार्रवाई

राजस्थान सरकार ने सरकारी कर्मचारियों की लेटलतीफी और बिना अनुमति अनुपस्थित रहने की प्रवृत्ति पर सख्ती दिखाने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे तय समय पर अपनी सीट पर मौजूद रहें और जनता को बेहतर सेवाएं प्रदान करें। सरकार ने स्पष्ट किया है कि जो कर्मचारी तय समय पर कार्यालय नहीं पहुंचेंगे या बिना अनुमति अनुपस्थित रहेंगे, उनके खिलाफ सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकारी कर्मचारियों को जनता की समस्याओं का तुरंत समाधान करना चाहिए और उन्हें सरकारी योजनाओं की पूरी जानकारी देनी चाहिए। सरकार का उद्देश्य है कि आम जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो और वे सरकारी दफ्तरों से सही व स्पष्ट जानकारी प्राप्त कर सकें।

इस निर्देश को प्रभावी बनाने के लिए प्रशासनिक सुधार और समन्वय विभाग ने विभिन्न कार्यालयों की जांच और फीडबैक लेने के लिए निरीक्षण टीमें तैनात की हैं। इन टीमों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी दफ्तरों में कर्मचारी समय पर उपस्थित रहें और जनता को उनकी सेवाएं सुचारू रूप से मिलती रहें।

प्रशासनिक सचिव उर्मिला राजोरिया के अनुसार, विभागीय टीमों ने हाल ही में हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय के विभिन्न सरकारी कार्यालयों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान 92 हाजिरी रजिस्टर जब्त किए गए, जिससे पता चला कि 21.42% राजपत्रित अधिकारी और 13.45% गैर-राजपत्रित कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए।

सरकार ने यह साफ कर दिया है कि अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों पर नियमों के तहत कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। राज्य स्तरीय निरीक्षण दल में अनुभाग अधिकारी महेंद्र कुमार सारवता, सहायक अनुभाग अधिकारी चेना राम भादला और दयाराम गुर्जर शामिल हैं। ये अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी सरकारी दफ्तरों में कर्मचारियों की उपस्थिति बनी रहे और जनता को किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।

राजस्थान सरकार की इस सख्ती से सरकारी कार्यशैली में सुधार की उम्मीद है और यह तय किया जाएगा कि सरकारी योजनाओं का लाभ सही समय पर जरूरतमंदों तक पहुंचे

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