समाज में व्याप्त कुरीतियों को समाप्त कर नई सोच
को बढ़ावा देने के लिए कुछ लोग मिसाल बनते हैं। ऐसे ही एक प्रेरणादायक व्यक्तित्व हैं डॉ. संगराम जांगिड़ IPS, जिन्होंने एक ऐतिहासिक फैसला लेकर समाज को नई दिशा दिखाई है। उन्होंने अपने परिवार में प्रचलित मृत्यु भोज जैसी कुप्रथा को समाप्त कर, उसकी जगह शिक्षा के क्षेत्र में नौ लाख (900000) रुपये का दान देकर एक अनूठी मिसाल पेश की है।
मृत्यु भोज की परंपरा और इसकी वास्तविकता
भारत में कई समुदायों में मृत्यु भोज की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। किसी परिजन की मृत्यु के बाद बड़े स्तर पर भोज आयोजित कर लोगों को भोजन कराया जाता है। हालांकि, यह परंपरा कई बार आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों पर भारी पड़ती है। इस कुप्रथा में हजारों-लाखों रुपये खर्च कर दिए जाते हैं, जिससे परिवार पर अनावश्यक बोझ पड़ता है।डॉ. सांगाराम जांगिड़ का साहसिक निर्णय डॉ. जांगिड़ ने इस परंपरा को नकारते हुए यह साबित किया कि समाज को अगर आगे बढ़ाना है, तो रूढ़ियों से बाहर निकलना होगा।
उन्होंने मृत्यु भोज पर खर्च होने वाली धनराशि को शिक्षा के क्षेत्र में लगाने का निर्णय लिया, जिससे आने वाली पीढ़ियों को लाभ मिलेगा। उनका यह कदम समाज में जागरूकता फैलाने का कार्य करेगा और लोगों को इस तरह की कुरीतियों को छोड़ने के लिए प्रेरित करेगा।समाज में नई जागरूकता डॉ. जांगिड़ के इस कदम से समाज में एक नई सोच विकसित होगी।
यह निर्णय स्पष्ट करता है कि जब देश के बड़े शिक्षाविद और विद्वान मृत्यु भोज जैसी कुप्रथाओं का त्याग कर सकते हैं, तो आम लोग भी ऐसा कर सकते हैं। यह केवल एक व्यक्तिगत फैसला नहीं, बल्कि सामाजिक सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
लोगों की प्रतिक्रिया और प्रेरणा डॉ. संगराम जांगिड़ के इस कार्य की समाज में खूब प्रशंसा हो रही है। कई लोग इस फैसले से प्रेरित होकर मृत्यु भोज की परंपरा को त्यागने और सामाजिक कार्यों में धन लगाने की योजना बना रहे हैं। यह पहल दर्शाती है कि यदि सही दिशा में कदम उठाए जाएं, तो समाज में सकारात्मक बदलाव लाया जा सकता है।
निष्कर्ष डॉ. संगराम जांगिड़ का यह सुधारवादी निर्णय समाज के लिए एक आदर्श उदाहरण है। यह पहल हमें यह सीख देती है कि पुरानी परंपराओं को छोड़कर, नई सोच को अपनाना जरूरी है। शिक्षा में निवेश करने से समाज का भविष्य उज्ज्वल होगा और यह बदलाव आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणास्रोत बनेगा। समाज उनके इस साहसिक और क्रांतिकारी कदम के लिए दिल से आभार प्रकट करता है।