
ललित यादव
राजस्थान में होने वाले आगामी पंचायत चुनावों को लेकर एक बड़ा बदलाव संभव है। अभी तक पंचायत चुनावों में उम्मीदवार बनने के लिए दो से अधिक संतान न होने का नियम लागू है, लेकिन अब सरकार इस प्रतिबंध को हटाने पर विचार कर रही है।

विधानसभा सत्र के दौरान यह मुद्दा विधायक चंद्रभान आक्या ने उठाया। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि जब विधानसभा और लोकसभा चुनावों में ऐसी कोई पाबंदी नहीं है, तो फिर पंचायत चुनावों में यह नियम क्यों लागू किया गया है? उन्होंने मांग की कि इस प्रावधान को हटाया जाए ताकि सभी को समान अवसर मिल सके।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने जवाब देते हुए कहा कि सरकार इस विषय पर गंभीरता से विचार कर रही है और जल्द ही उचित निर्णय लिया जाएगा। सरकार के इस संकेत के बाद पंचायत चुनावों में बदलाव की संभावना बढ़ गई है।

छात्रसंघ चुनावों की बहाली की मांग तेज विधानसभा के शून्यकाल के दौरान प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव बहाल करने की मांग भी जोर पकड़ रही है।
भाजपा विधायक धर्मपाल ने कहा कि छात्रसंघ चुनाव राजनीति की प्राथमिक सीढ़ी हैं और इससे युवा नेतृत्व को उभरने का मौका मिलता है। उन्होंने सरकार से आग्रह किया कि छात्रसंघ चुनावों को अनिवार्य रूप से कराया जाए ताकि लोकतंत्र को मजबूती मिले।सरकार की ओर से इस पर अभी कोई ठोस बयान नहीं आया है, लेकिन यह मुद्दा राजनीतिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। ऐसे में आने वाले दिनों में पंचायत और छात्रसंघ चुनावों को लेकर महत्वपूर्ण बदलाव देखने को मिल सकते हैं।