
बाड़मेर: सीमावर्ती इलाकों के विकास और प्रशासनिक सुविधाओं की बेहतरी के लिए बाड़मेर जिले की सरहदी ग्राम पंचायत सारला के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों ने पंचायत समिति बनाने की मांग को लेकर एकजुटता दिखाई। इस मांग को लेकर सैकड़ों ग्रामीण और पंचायत प्रतिनिधि एकत्रित हुए और एक विशाल रैली निकालकर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपा। ग्रामीणों ने जोरदार नारेबाजी करते हुए प्रशासन से मांग की कि पंचायत समिति का गठन शीघ्र किया जाए, ताकि इलाके की जनता को बुनियादी सुविधाएं और सरकारी योजनाओं का लाभ बिना किसी बाधा के मिल सके।
ग्राम पंचायत सारला के विकास की अनदेखी से बढ़ा असंतोष ग्राम पंचायत सारला और आसपास के सीमावर्ती गांवों के लोग लंबे समय से विकास कार्यों में अनदेखी का शिकार हो रहे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि प्रशासनिक कामकाज के लिए उन्हें कई किलोमीटर दूर जाना पड़ता है, जिससे समय और धन दोनों की हानि होती है।
पंचायत समिति नहीं होने के कारण सरकारी योजनाओं का समुचित लाभ नहीं मिल पा रहा, जिससे शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क और पेयजल जैसी बुनियादी सुविधाएं प्रभावित हो रही हैं। इसी कारण ग्रामीणों ने अब संगठित होकर अपनी आवाज बुलंद करने का निर्णय लिया।

सरपंच और जनप्रतिनिधियों का नेतृत्व में प्रदर्शन
इस प्रदर्शन का नेतृत्व ग्राम पंचायत सारला के सरपंच मोहनलाल सेंवर ने किया। उनके साथ समाजसेवी हिमथा राम पिंडेल, सरपंच भारताराम, मोहनलाल हुड्डा, सरपंच प्रतिनिधि सिद्धाराम, जगराम हुड्डा सहित कई अन्य जनप्रतिनिधि भी मौजूद रहे। सभी ने मिलकर उपखंड अधिकारी को ज्ञापन सौंपते हुए अपनी मांगें रखीं और स्पष्ट किया कि जब तक पंचायत समिति का गठन नहीं किया जाता, तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
सीमावर्ती इलाकों में विकास की नई उम्मीद
इस आंदोलन ने सीमावर्ती इलाकों के विकास को लेकर एक नई उम्मीद जगा दी है।
ग्रामीणों का कहना है कि यदि पंचायत समिति का गठन होता है, तो क्षेत्र की जनता को सरकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिलेगा। इससे शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि और रोजगार से जुड़े कार्यों को बढ़ावा मिलेगा। पंचायत प्रतिनिधियों ने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगों को जल्द पूरा नहीं किया गया, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करने को मजबूर होंगे।इस प्रदर्शन में ग्रामीणों की बड़ी भागीदारी यह दर्शाती है कि सीमावर्ती क्षेत्रों में पंचायत समिति गठन को लेकर कितनी गंभीरता और आवश्यकता है। अब देखना यह होगा कि प्रशासन इस पर क्या रुख अपनाता है और कब तक इस मुद्दे का समाधान किया जाता है।