
बाड़मेर पुलिस ने जिले के इतिहास में पहली बार एक ऐसा कदम उठाया है, जो अपराध पर लगाम लगाने की दिशा में एक मिसाल बन सकता है। पुलिस ने एक मकान मालिक को इसलिए गिरफ्तार किया, क्योंकि उसने अपने किराएदारों की पृष्ठभूमि जांचे बिना उन्हें मकान किराए पर दे दिया था।
ये किराएदार मादक पदार्थों की तस्करी में संलिप्त पाए गए, और जब पुलिस ने इनके खिलाफ कार्रवाई की, तो मकान मालिक की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई।पुलिस जांच में सामने आया कि मकान मालिक को इस बात की जानकारी थी कि उसके किराएदार नशीले पदार्थों का अवैध व्यापार कर रहे हैं।
इसके बावजूद उसने न तो पुलिस को सूचना दी और न ही उन्हें घर खाली करने के लिए कहा। जब पुलिस को इस मामले की भनक लगी, तो उसने किराएदारों के साथ-साथ मकान मालिक पर भी कानूनी शिकंजा कस दिया।नशे के खिलाफ सख्ती की नई मिसाल बाड़मेर पुलिस का यह कदम समाज में एक कड़ा संदेश देने के लिए उठाया गया है कि अब सिर्फ अपराधियों को ही नहीं, बल्कि उन्हें सहयोग देने वालों को भी बख्शा नहीं जाएगा।

यह कार्रवाई नशीली दवाओं की तस्करी पर अंकुश लगाने और अपराधियों को पनाह देने वालों को जवाबदेह बनाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है।
राजस्थान के कई जिलों में नशे की समस्या गंभीर होती जा रही है। पुलिस और प्रशासन लगातार इस पर काबू पाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अक्सर तस्कर ऐसे इलाकों में छिपकर अपना नेटवर्क चलाते हैं, जहां मकान मालिक उन्हें बिना किसी जांच-पड़ताल के किराए पर जगह दे देते हैं। इससे न केवल कानून-व्यवस्था पर असर पड़ता है, बल्कि युवाओं के भविष्य को भी खतरा होता है।
कानून का सख्त संदेश इस मामले में बाड़मेर पुलिस ने मकान मालिक को गिरफ्तार कर यह साफ कर दिया है कि अब लापरवाही और अपराधियों को संरक्षण देने की गलती को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मकान मालिकों की यह जिम्मेदारी होगी कि वे अपने किराएदारों की सही से जांच करें और अगर कोई संदिग्ध गतिविधि नजर आती है तो तुरंत पुलिस को सूचित करें।इस पहल की न केवल बाड़मेर बल्कि पूरे राजस्थान में सराहना की जा रही है।
कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह निर्णय समाज को सुरक्षित और अपराध मुक्त बनाने की दिशा में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है। अगर अन्य जिलों में भी इसी तरह की सख्ती बरती जाए, तो नशे के व्यापार पर लगाम लगाना आसान हो जाएगा।
बाड़मेर पुलिस की पहल से क्या बदलेगा?
1. मकान मालिकों की जिम्मेदारी तय होगी – अब मकान मालिकों को भी सतर्क रहना होगा कि वे किन्हें अपना घर किराए पर दे रहे हैं।
2. नशे के व्यापार पर रोक लगेगी – जब तस्करों को छिपने के लिए जगह नहीं मिलेगी, तो उनके नेटवर्क को ध्वस्त करना आसान होगा।
3. समाज में जागरूकता बढ़ेगी – इस कदम से लोगों को यह एहसास होगा कि अपराधियों को संरक्षण देना भी अपराध की श्रेणी में आता है।
4. अन्य जिलों में भी सख्ती बढ़ सकती है – इस कार्रवाई से प्रेरणा लेकर अन्य जिलों की पुलिस भी इसी तरह की रणनीति अपना सकती है।
समाप्ति बाड़मेर पुलिस का यह ऐतिहासिक कदम कानून-व्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में एक नई पहल है।
इससे साफ है कि अब सिर्फ अपराध करने वाले ही नहीं, बल्कि अपराधियों को शरण देने वालों पर भी सख्ती होगी। यह कार्रवाई अन्य जिलों और राज्यों के लिए एक मिसाल बन सकती है और नशे के खिलाफ लड़ाई में बड़ा बदलाव ला सकती है।