
रामसर, बाड़मेर
23 मार्च 2025बाड़मेर जिले के रामसर तहसील में स्थित बाबा रामदेव मंदिर प्रांगण में जाट समाज सामाजिक सुधार एवं कुरीति निवारण बैठक का भव्य आयोजन किया गया। इस बैठक में सेतराऊ, चाडी, खारिया राठौडान, चाड़ार मंदरूप, पांधी का पार सहित विभिन्न गांवों के सैकड़ों गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया। समाज में वर्षों से चली आ रही कुरीतियों को समाप्त करने और सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।
बैठक में लिए गए मुख्य निर्णय:
1️⃣ नशा निवारण: मृत्युभोज, सार्वजनिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों में नशे पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा।
2️⃣ मृत्युभोज सुधार: केवल हलवा और चना एक समय दिया जाएगा। शोक रस्म 12 दिन तक होगी, और साधारण भोजन ही रखा जाएगा।
3️⃣ आभूषण सीमा: सोना 5 तोला तक ही पहनने की अनुमति होगी। हलाणा, सामेला एवं मायरा में भी इस सीमा का पालन करना होगा।
4️⃣ डीजे प्रथा समाप्त: फ्लोर डीजे और गाड़ी डीजे पूर्णतः प्रतिबंधित। केवल आंगन में सामान्य ध्वनि में डीजे बजाने की अनुमति होगी। उल्लंघन करने पर ₹1,00,000 का जुर्माना।
5️⃣ हल्दी रस्म में बदलाव: नवीन हल्दी परंपरा पर रोक, इसका उल्लंघन करने पर भी ₹1,00,000 का जुर्माना।
6️⃣ दूल्हे की दाढ़ी प्रथा: विवाह में दूल्हे के दाढ़ी रखने पर ₹1,00,000 का दंड।
7️⃣ ओढावणी पर नियंत्रण: मृत्युभोज में केवल दादा के परिवार की बहन-बेटी तक ही ओढावणी की परंपरा रहेगी।
8️⃣ शोक में पीहर परंपरा: पीहर पक्ष में मृत्यु होने पर केवल सादा भोजन की अनुमति, ओढ़ावणी प्रतिबंधित।
9️⃣ रिश्तों का सम्मान: परिवार में कोई भी अपने मन से रिश्ते नहीं तोड़ सकेगा। इस संबंध में समिति और गांव के प्रतिष्ठित जन निर्णय लेंगे।
🔟 तोरण उतारने की प्रथा समाप्त: विवाह के बाद तोरण उतारने के लिए सगियों की प्रथा को समाप्त कर दिया गया।नियमों के उल्लंघन पर सख्त दंड:उक्त सभी नियमों का उल्लंघन करने पर ₹1,00,000 मंदिर में जुर्माने के रूप में जमा कराना अनिवार्य होगा।
बैठक में उपस्थित प्रमुख व्यक्ति:बैठक में रामाराम गोदारा (पूर्व सरपंच), लाधुराम सियाग (सरपंच चाडी), अर्जुन राम सियाग (पूर्व सरपंच चाडी), खेतपाल सारण, खेताराम सियाग, सोनाराम लेगा, सताराम सारण, अचलाराम धोला, धनाराम सेवर, लिखमाराम सारण, हुकमाराम जाखड़, गुमानाराम धतरवाल, उदाराम कड़वासरा, वगताराम गोदारा सहित लगभग 300 गणमान्य लोग उपस्थित थे।
समाज सुधार की ओर एक ऐतिहासिक कदम!जाट समाज द्वारा लिए गए यह निर्णय सामाजिक सुधार की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। इन सुधारों से समाज में फैली कुरीतियों पर अंकुश लगेगा और एक नई परंपरा की शुरुआत होगी। पूरे क्षेत्र में इस फैसले की सराहना की जा रही है।धन्यवाद!