जयपुर | राजस्थान की पिंक सिटी जयपुर में आज दुर्गा चौधरी और सुरेंद्रसिंह बूड़िया ने अपने दौरे के दौरान शहर के प्रमुख ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण किया। उन्होंने जयपुर की सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक स्थलों के प्रति अपनी रुचि प्रकट करते हुए हवामहल, आमेर दुर्ग और अन्य प्रमुख पर्यटन स्थलों का दौरा किया।

हवामहल का दौरा: दुर्गा चौधरी और सुरेंद्रसिंह बूड़िया ने सबसे पहले हवामहल का भ्रमण किया। इस अद्वितीय पांच मंजिला महल की जालीदार खिड़कियां और वास्तुकला देखकर वे अभिभूत हो गए। हवामहल की ऐतिहासिकता और इसके निर्माण के पीछे की कहानी के बारे में जानकर उन्होंने कहा कि यह न केवल एक स्थापत्य कृति है, बल्कि जयपुर की सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक भी है।

आमेर दुर्ग का अन्वेषण: इसके बाद उन्होंने आमेर दुर्ग का दौरा किया। इस भव्य किले की सुंदरता और राजपूत स्थापत्य शैली ने उन्हें काफी प्रभावित किया। उन्होंने किले के भीतर शीश महल, दीवान-ए-आम और दीवान-ए-खास जैसी प्रमुख संरचनाओं का निरीक्षण किया और वहां की कलात्मकता की प्रशंसा की। आमेर दुर्ग के इतिहास को सुनते हुए उन्होंने कहा कि यह स्थान राजस्थान के गौरवशाली अतीत को जीवंत करता है।
अन्य स्थलों का भ्रमण: दुर्गा चौधरी और सुरेंद्रसिंह ने जलमहल और जयपुर के स्थानीय बाजारों का भी दौरा किया। जलमहल की झील में नाव की सवारी करते हुए उन्होंने इसकी प्राकृतिक सुंदरता का आनंद लिया। इसके साथ ही उन्होंने स्थानीय हस्तशिल्प और पारंपरिक वस्त्रों की खरीदारी कर जयपुर की कला और संस्कृति को और करीब से जाना।

जयपुर की प्रशंसा: भ्रमण के अंत में दोनों ने जयपुर की सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक महत्व की सराहना की। उन्होंने कहा, “जयपुर न केवल एक ऐतिहासिक शहर है, बल्कि यह भारतीय संस्कृति और परंपरा का जीवंत उदाहरण है। यहां का हर कोना इतिहास और कला से सराबोर है।” इस यात्रा ने उन्हें राजस्थान के समृद्ध इतिहास और संस्कृति के बारे में गहराई से जानने का अवसर दिया। उन्होंने अपनी इस यात्रा को यादगार बताया और जयपुरवासियों की आतिथ्य भावना की भी प्रशंसा की।