
पीएम ई-ड्राइव स्कीम की घोषणा की है। इस योजना के तहत देशभर में कुल 72,300 सार्वजनिक चार्जिंग स्टेशन स्थापित किए जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार ने 10,900 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया है। इस महत्वाकांक्षी योजना का उद्देश्य इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देना, प्रदूषण को कम करना और देश को स्थायी ऊर्जा की ओर अग्रसर करना है। योजना के तहत पब्लिक फास्ट चार्जर लगाने पर 100% तक की सब्सिडी दी जाएगी, जिससे निजी निवेशकों को प्रोत्साहन मिलेगा।
चार्जिंग स्टेशनों का वितरण चार्जिंग स्टेशन विभिन्न प्रकार के इलेक्ट्रिक वाहनों को ध्यान में रखते हुए स्थापित किए जाएंगे:
1. इलेक्ट्रिक कारों के लिए: 22,100 फास्ट चार्जिंग स्टेशन 2. इलेक्ट्रिक बसों के लिए: 1,800 फास्ट चार्जिंग स्टेशन 3. इलेक्ट्रिक दोपहिया और तिपहिया वाहनों के लिए: 48,400 फास्ट चार्जिंग स्टेशन इन चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना में करीब 2,000 करोड़ रुपये का खर्च होगा।
प्रमुख विशेषताएं और प्रावधान
1. चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का घनत्व
– शहरी क्षेत्रों में: हर 1 किलोमीटर के दायरे में चार्जिंग स्टेशन।
– राजमार्गों पर: हर 20 किलोमीटर पर सामान्य ईवी के लिए चार्जिंग स्टेशन और हर 100 किलोमीटर पर भारी वाहनों के लिए।
2. स्थानों का चयन :
– शहरी क्षेत्रों में प्रमुख स्थान: मॉल, रेलवे स्टेशन, हवाई अड्डे, पेट्रोल पंप, मेट्रो स्टेशन।
– निजी क्षेत्रों में: आवासीय सोसायटी, कार्यालय परिसर, शैक्षणिक संस्थान।
– राजमार्ग और एक्सप्रेसवे पर।
3. सार्वजनिक-निजी भागीदारी मॉडल (PPP): सरकार निजी ऑपरेटरों को रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराएगी। इसके बदले में ऑपरेटर भूमि स्वामित्व वाली एजेंसी को राजस्व का हिस्सा देंगे।
4. सस्ती दरों पर बिजली: चार्जिंग स्टेशनों पर बिजली की कीमत मार्च 2028 तक औसत लागत से अधिक नहीं होगी, ताकि नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ सके।
5. ग्राहक सुविधाएं: – चार्जिंग स्टेशनों पर शौचालय, पेयजल और सीसीटीवी जैसी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। – चार्जिंग के दौरान रीयल-टाइम अपडेट और भुगतान के डिजिटल विकल्प।
सरकार का दृष्टिकोण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “ईवी के उपयोग को बढ़ावा देकर हम भारत को आत्मनिर्भर और स्वच्छ ऊर्जा के लिए तैयार कर रहे हैं। यह कदम हमारी जलवायु परिवर्तन रणनीति में अहम भूमिका निभाएगा।”
पर्यावरण और रोजगार पर प्रभाव 1. पर्यावरणीय लाभ: – पेट्रोल और डीजल वाहनों के उत्सर्जन में भारी कमी। – नवीकरणीय ऊर्जा का उपयोग बढ़ेगा। 2. रोजगार सृजन: – चार्जिंग स्टेशनों की स्थापना और संचालन से लाखों नौकरियों का सृजन होगा। – नई तकनीक और सेवाओं में विशेषज्ञता के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम।
सब्सिडी का लाभ कैसे लें? – आवेदन राष्ट्रीय इलेक्ट्रिक मोबिलिटी मिशन पोर्टल (NEMMP) के माध्यम से किया जा सकता है। – सब्सिडी केवल पब्लिक फास्ट चार्जिंग स्टेशनों के लिए उपलब्ध होगी। – न्यूनतम आवश्यकताएं और मानकों को पूरा करने पर ही अनुमोदन दिया जाएगा।
चुनौतियां और समाधान हालांकि यह योजना महत्वाकांक्षी है, इसके सामने कुछ चुनौतियां भी हैं: 1. वित्तीय और भूमि की उपलब्धता: – सरकार रियायती दरों पर भूमि उपलब्ध कराएगी। 2. तकनीकी समस्याएं: – उन्नत चार्जिंग तकनीकों को अपनाने के लिए आरएंडडी को बढ़ावा दिया जाएगा। 3. ग्रामीण क्षेत्रों में चार्जिंग स्टेशनों की पहुंच: – सरकार ने प्राथमिकता के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में चार्जिंग नेटवर्क स्थापित करने की योजना बनाई है।
निष्कर्ष पीएम ई-ड्राइव स्कीम न केवल देश में इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देगी, बल्कि चार्जिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करके भारत को पर्यावरण के अनुकूल और टिकाऊ विकास के पथ पर ले जाएगी। इससे भारत की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों का सामना करने में मदद मिलेगी।