
ब्रेकिंग न्यूज़: राजस्थान की राजनीति में आज एक बार फिर से गरमाहट आ गई जब चौहटन में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार की कथित तानाशाही के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के आह्वान पर ब्लॉक कांग्रेस कमेटी चौहटन के तत्वावधान में आज चौहटन तहसील मुख्यालय पर एक ज़बरदस्त धरना-प्रदर्शन आयोजित किया गया।
धरने का मुख्य मुद्दा था मोदी सरकार द्वारा नेशनल हेराल्ड की ऐतिहासिक संपत्ति को जब्त करने की ईडी की कार्रवाई और कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ बिना किसी ठोस कानूनी प्रक्रिया के झूठे मुकदमे व चार्जशीट दाखिल करना।
पूर्व विधायक पदमाराम मेघवाल ने इस मौके पर कहा, “जब-जब केंद्र की मोदी सरकार विपक्ष के दबाव में आती है, तब-तब कांग्रेस नेताओं पर ईडी के जरिए कार्रवाई की जाती है। यह पूरी तरह से लोकतंत्र को कमजोर करने और विपक्ष की आवाज़ को दबाने की साजिश है।”
उन्होंने आगे कहा कि कांग्रेस ने अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी थी, आज वही कांग्रेस भाजपा की तानाशाही के खिलाफ लड़ रही है। राहुल गांधी की बढ़ती लोकप्रियता से डरकर भाजपा सरकार ईडी के नोटिस और झूठी चार्जशीट का सहारा ले रही है, लेकिन कांग्रेस नेता सत्य के मार्ग पर अडिग हैं और यह संघर्ष सड़क से संसद तक जारी रहेगा।
धरने में बड़ी संख्या में कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। उपस्थित प्रमुख नेताओं में शामिल थे—ब्लॉक कांग्रेस कमेटी चौहटन के अध्यक्ष तिलोक पोटलिया, सेड़वा के प्रधान रमेश जी, वरिष्ठ कांग्रेसी सादुलाराम सियोल, आटिया के सरपंच गोसाईराम बैनिवाल, कोनरा मंडल अध्यक्ष जमाल खां, एडवोकेट फताराम गोदारा, ठाकराराम कड़वासरा, गेनाराम सेवर, भजनलाल विश्नोई, जगदीश ढाका, ताजु खां, तेजाराम गोदारा, रुखमणाराम पुनिया, गोगाराम धतरवाल, हरलाल पुनिया, फोटा खां सहित सैकड़ों कार्यकर्ता।
धरने का सफल संचालन ब्लॉक कांग्रेस कमेटी चौहटन के प्रवक्ता एडवोकेट नरेश भादू ने किया। उन्होंने समस्त कार्यकर्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि कांग्रेस का यह आंदोलन जनहित और लोकतंत्र की रक्षा के लिए जारी रहेगा।
यह प्रदर्शन स्पष्ट संदेश देता है कि कांग्रेस कार्यकर्ता अब चुप बैठने वाले नहीं हैं। वे लोकतंत्र की रक्षा के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार हैं।