
बाड़मेर/गुड़ामालानी, 22 अप्रैल
ग्राम पंचायत रतनपुरा से जुड़ी सुरताणीयों सियोलो की ढाणी के ग्रामीणों ने नव प्रस्तावित ग्राम पंचायत सोढो की ढाणी में सम्मिलित किए जाने पर कड़ा विरोध जताया है। जिला कलेक्टर बाड़मेर को सौंपे गए ज्ञापन में ग्रामीणों ने इस फैसले को अव्यवहारिक, असुविधाजनक और जनविरोधी बताया है।
क्या है ग्रामीणों की आपत्ति:
ग्रामीणों के अनुसार सुरताणीयों सियोलो की ढाणी पहले से ही ग्राम पंचायत रतनपुरा का हिस्सा है। यह क्षेत्र न केवल सड़क मार्ग से रतनपुरा से भलीभांति जुड़ा हुआ है, बल्कि यहां पर स्कूल, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, पंचायत भवन, राजीव गांधी सेवा केंद्र और सहकारी समिति जैसी सभी मूलभूत सरकारी सुविधाएं उपलब्ध हैं।
ग्रामीणों ने बताया कि नई प्रस्तावित ग्राम पंचायत सोढो की ढाणी में न तो उपयुक्त सड़क मार्ग है और न ही कोई शैक्षणिक या स्वास्थ्य सुविधा मौजूद है। ऐसे में वहां तक पहुंचना न केवल मुश्किल होगा बल्कि आम जनता के लिए खर्चीला और समयसाध्य भी साबित होगा।
70 परिवार और 200 मतदाताओं का विरोध
ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि सुरताणीयों सियोलो की ढाणी में लगभग 70 परिवार और करीब 200 मतदाता रहते हैं, और कोई भी इस नव प्रस्तावित पंचायत में शामिल होना नहीं चाहता। ग्रामीणों का कहना है कि यह निर्णय पंचायत व्यवस्था की मूल भावना और स्थानीय जनभावनाओं के खिलाफ है।
‘हमें जबरन हटाया जा रहा है’ – ग्रामीण
गांववालों ने आरोप लगाया कि उन्हें जबरन एक ऐसी पंचायत में भेजा जा रहा है, जहां कोई सुविधा नहीं है और जिसका कोई व्यवहारिक आधार नहीं बनता। इससे गांव के कई परिवार दो अलग-अलग ग्राम पंचायतों में बंट जाएंगे, जिससे पारिवारिक और प्रशासनिक असुविधा उत्पन्न होगी।
जिला प्रशासन से की न्याय की मांग
ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर से मांग की है कि वे इस निर्णय की निष्पक्ष समीक्षा करें और सुरताणीयों सियोलो की ढाणी को पूर्ववत ग्राम पंचायत रतनपुरा में ही बनाए रखने का आदेश जारी करें।
अब देखना यह है कि जिला प्रशासन इस जनभावना के सम्मान में क्या कदम उठाता है।