
बाड़मेर/गुड़ामालानी, 22 अप्रैल 2025
नवसृजित बालाजी नगर के ग्रामीणों ने प्रशासन द्वारा उन्हें नव प्रस्तावित ग्राम पंचायत सोढो की ढाणी में शामिल किए जाने के निर्णय का कड़ा विरोध जताया है। इसको लेकर आज ग्रामवासियों ने जिला कलेक्टर बाड़मेर को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने अपने गांव को मूल ग्राम पंचायत रतनपुरा में ही बनाए रखने की पुरजोर मांग की।
क्या है मामला: गुड़ामालानी तहसील के अंतर्गत आने वाले पटवार क्षेत्र रतनपुरा में स्थित नवसृजित गांव बालाजी नगर वर्तमान में ग्राम पंचायत रतनपुरा का हिस्सा है। प्रशासन द्वारा इसे नवसृजित ग्राम पंचायत सोढो की ढाणी में शामिल करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह निर्णय पूरी तरह अव्यवहारिक और आमजन की सुविधा के विपरीत है।
‘15 किमी दूर क्यों भेजा जा रहा है?’ – ग्रामीणों का सवाल ग्रामीणों के अनुसार, बालाजी नगर से सोढो की ढाणी की सीधी कोई संपर्क सड़क नहीं है। वहां पहुंचने के लिए पहले गुड़ामालानी-जालोर मुख्य सड़क पर आना पड़ता है, फिर रतनपुरा होते हुए सोढो की ढाणी जाना होता है, जिससे कुल दूरी करीब 15 किलोमीटर पड़ती है। जबकि रतनपुरा ग्राम पंचायत मुख्यालय सिर्फ 5 किलोमीटर की दूरी पर है और बालाजी नगर का उससे सीधा सड़क संपर्क है।’रतनपुरा से हमारा सीधा नाता है’ गांववासियों ने साफ शब्दों में कहा कि उनका सीधा संबंध, रोजमर्रा का संपर्क और आवागमन की सुविधा रतनपुरा पंचायत से है। ऐसे में उन्हें जबरदस्ती एक ऐसी पंचायत में सम्मिलित करना, जो न संपर्क में है, न सुविधाओं से युक्त, यह तर्कसंगत नहीं है।
‘हम किसी भी हालत में सोढो की ढाणी नहीं जाएंगे‘ बालाजी नगर के ग्रामीणों ने एकजुट होकर जिला प्रशासन को यह संदेश दिया कि वे किसी भी स्थिति में नवसृजित ग्राम पंचायत सोढो की ढाणी में सम्मिलित नहीं होना चाहते हैं। उन्होंने प्रशासन से आग्रह किया कि जनभावनाओं का सम्मान करते हुए बालाजी नगर को रतनपुरा ग्राम पंचायत में ही यथावत रखा जाए। क्या प्रशासन ग्रामीणों की आवाज सुनेगा या फिर जनभावनाएं फिर एक बार नजरअंदाज होंगी?