
नई दिल्ली: भारत अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के क्षेत्र में दुनिया का नेतृत्व करने की तैयारी कर रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और इंफोसिस के पूर्व सीईओ व AI विशेषज्ञ विशाल सिक्का के बीच हाल ही में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई, जिसमें भारत में AI के विकास और इसके उपयोग के विभिन्न पहलुओं पर गहन चर्चा हुई।
AI में भारत की संभावनाएं और लक्ष्य प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैठक के दौरान कहा कि AI तकनीक न केवल भारत की अर्थव्यवस्था को गति दे सकती है, बल्कि समाज के हर वर्ग को सशक्त बना सकती है। उन्होंने इस क्षेत्र में भारत की संभावनाओं पर प्रकाश डालते हुए बताया कि देश को AI के विकास के लिए वैश्विक केंद्र बनाना उनका लक्ष्य है। विशाल सिक्का, जो विश्व AI के क्षेत्र में अग्रणी विशेषज्ञ माने जाते हैं, ने भारत में AI के उपयोग और विकास के लिए अपनी दृष्टि साझा की। उन्होंने कहा कि भारत के पास AI को अपनाने और इसे स्थानीय जरूरतों के अनुसार विकसित करने की अपार संभावनाएं हैं।
बैठक में चर्चा के प्रमुख बिंदु:
1. AI आधारित इनोवेशन केंद्रों की स्थापना: भारत के विभिन्न हिस्सों में AI रिसर्च और डेवलपमेंट के लिए विश्वस्तरीय केंद्र स्थापित करने की योजना बनाई गई।
2. शिक्षा और स्किल डेवलपमेंट: युवाओं को AI तकनीक में प्रशिक्षित करने के लिए विशेष पाठ्यक्रम और ट्रेनिंग प्रोग्राम शुरू किए जाएंगे।
3. कृषि, स्वास्थ्य और शिक्षा में AI का उपयोग: AI तकनीक का उपयोग करके खेती को आधुनिक बनाने, हेल्थकेयर को सुलभ बनाने और शिक्षा में क्रांति लाने की रणनीति पर चर्चा की गई। 4. एथिकल AI: AI के नैतिक उपयोग और इससे जुड़े खतरों को कम करने के लिए विशेष दिशा-निर्देश तैयार किए जाएंगे।
भारत का AI में बढ़ता प्रभाव विशाल सिक्का ने कहा कि भारत के पास डेटा और टैलेंट दोनों का विशाल भंडार है, जिसे AI के विकास में कुशलता से उपयोग किया जा सकता है। उन्होंने भारत के लिए एक ‘AI-सेंट्रिक इकोसिस्टम’ विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के अंत में कहा कि यह वक्त है जब भारत न केवल AI में आत्मनिर्भर बने, बल्कि इसे वैश्विक स्तर पर दिशा देने वाला देश भी बने।
AI में निवेश की सम्भावना सरकार और निजी क्षेत्र के बीच सहयोग से AI में बड़े पैमाने पर निवेश किया जाएगा। बैठक में तय किया गया कि भारत को AI स्टार्टअप्स और रिसर्च प्रोजेक्ट्स के लिए एक अनुकूल माहौल प्रदान किया जाएगा।
निष्कर्ष इस बैठक ने भारत में AI के भविष्य को लेकर एक नई दिशा और ऊर्जा दी है। विशेषज्ञों का मानना है कि यदि इस योजना को सही तरीके से लागू किया गया, तो भारत AI के क्षेत्र में विश्व नेता बनने की ओर तेजी से कदम बढ़ा सकता है।
AI के क्षेत्र में यह पहल भारत को डिजिटल युग की नई ऊंचाइयों पर ले जाने का वादा करती है।