
नई दिल्ली: कोचिंग सेंटर वालों ने भी हमें फांसने का क्या-क्या जुगाड़ नहीं कर रखा है। झूठ पर झूठ, फरेब पर फरेब, वो भी विशालकाय बैनरों पर विज्ञापन देकर। अब केंद्र सरकार के उपभोक्ता मंत्रालय ने दिशानिर्देश जारी कर चेतावनी दी है कि अगर छात्रों एवं अभिभावकों से फरेब किया गया तो कोचिंग सेंटरों ही नहीं, उनका प्रचार करने वालों को भी भुगतना होगा। लेकिन क्या सच में कोचिंग सेंटरों के फर्जीवाड़े पर गंभीर कार्रवाई हो सकेगी? क्या कोचिंग सेंटर सच में सुधर जाएंगे? क्या सच में विज्ञापन करने वाली शख्सियतों को जवाबदेह बनाया जा सकेगा?
भ्रामक विज्ञापनों से लुभाते हैं कोचिंग सेंटर्स
दरअसल, केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापनों से निपटने के लिए व्यापक दिशानिर्देश जारी किए हैं। सरकार ने इसे उपभोक्ताओं के अधिकारों की रक्षा और पारदर्शिता बनाए रखने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में पेश किया है। सरकार कहती है कि ‘कोचिंग क्षेत्र में भ्रामक विज्ञापन की रोकथाम के लिए दिशानिर्देश, 2024’ का उद्देश्य छात्रों और जनता को भ्रामक मार्केटिंग स्ट्रैटिजीज से बचाना है जो कोचिंग केंद्र आमतौर पर अपनाते हैं।