
टीम इंडिया के लिए बदले नियम:
ऑस्ट्रेलिया में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में 3-1 की हार के बाद बीसीसीआई (भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड) ने टीम इंडिया के लिए नए नियमों को लागू करने पर विचार किया है। इन बदलावों का उद्देश्य टीम की एकता को बढ़ाना और खिलाड़ियों को खेल पर अधिक केंद्रित करना है। बोर्ड ने बताया कि कोविड-19 महामारी के दौरान हटाए गए कई नियमों को फिर से लागू किया जाएगा।
नए नियमों के मुख्य बिंदु:
टीम बस से सफर:
विदेशी दौरों पर किसी भी खिलाड़ी को व्यक्तिगत गाड़ी से सफर करने की अनुमति नहीं दी जाएगी, चाहे वह कितना भी बड़ा खिलाड़ी क्यों न हो। सभी खिलाड़ी और सपोर्ट स्टाफ टीम बस का ही उपयोग करेंगे। इसका उद्देश्य टीम के बीच बेहतर बॉन्डिंग और सामूहिकता को बढ़ावा देना है।
परिवार और पत्नियां साथ रहने की सीमा:
45 दिन या उससे अधिक लंबे विदेशी दौरे पर खिलाड़ी के परिवार और पत्नियां केवल 14 दिन तक ही साथ रह सकेंगी।
45 दिन से कम के दौरों पर यह सीमा 7 दिन तक होगी।
पूरे दौरे के दौरान परिवार का साथ रहना प्रतिबंधित रहेगा ताकि खिलाड़ियों का ध्यान खेल पर केंद्रित रहे।
सख्ती और अनुशासन:
किसी भी खिलाड़ी या सपोर्ट स्टाफ को व्यक्तिगत निर्णय लेने में अनुशासन बनाए रखने की हिदायत दी गई है।
कोच गौतम गंभीर के मैनेजर गौरव अरोड़ा के टीम के साथ ट्रैवल करने पर कड़ी कार्रवाई की गई है। अब अरोड़ा टीम होटल, टीम बस, और वीआईपी बॉक्स का उपयोग नहीं कर पाएंगे।
सैलरी कटौती का सुझाव:
बीसीसीआई की वार्षिक बैठक (AGM) में यह सुझाव दिया गया कि यदि खिलाड़ी की परफॉर्मेंस निर्धारित स्तर से नीचे रही, तो उसकी सैलरी में कटौती की जा सकती है। हालांकि, इस पर अभी अंतिम निर्णय नहीं हुआ है।
नियम लागू करने का उद्देश्य:
इन नए नियमों का मुख्य उद्देश्य टीम इंडिया की परफॉर्मेंस में सुधार करना है। बोर्ड का मानना है कि खिलाड़ियों के साथ परिवारों की लंबी उपस्थिति और व्यक्तिगत निर्णयों की छूट, टीम के सामूहिक प्रदर्शन को प्रभावित कर सकती है।
ऑस्ट्रेलिया दौरे पर विवाद:
ऑस्ट्रेलिया में कई वरिष्ठ खिलाड़ी निजी गाड़ियों से सफर करते नजर आए थे। इसके अलावा, कप्तान विराट कोहली और उप-कप्तान केएल राहुल जैसे खिलाड़ियों की पत्नियां पूरे दौरे के दौरान उनके साथ थीं। इससे टीम की एकता और अनुशासन पर सवाल उठे थे।
बीसीसीआई का मानना है कि कड़े नियम लागू करने से न केवल टीम का सामूहिक प्रदर्शन सुधरेगा, बल्कि खिलाड़ियों के व्यक्तिगत प्रयासों में भी सुधार होगा।


