मेघालय मर्डर से लेकर मस्क-ट्रम्प मेल तक: 11 जून की टॉप ब्रेकिंग न्यूज़!

आज की बड़ी खबरें (11 जून 2025) मेघालय हनीमून मर्डर केस में नया खुलासा सोनम रघुवंशी के पति की गला रेतकर हत्या के मामले में…

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भारत-पराग्वे मुलाकात, असम में बाढ़ का कहर, राजस्थान में बदला मौसम – जानें आज की 5 बड़ी खबरें!

राष्ट्रीय समाचार पूर्वोत्तर भारत में भारी बारिश और बाढ़: असम और अरुणाचल प्रदेश में मूसलाधार बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है।…

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दसवीं में बेटी लाई 77% अंक, लेकिन रिजल्ट देखने के लिए जीवित नहीं बची,मार्कशीट हाथ में थामे घंटों रोए माता-पिता

Sapana Kumari Emotional Story: लेकिन नीयति को कुछ और ही मंजूर था। परीक्षाओं के बाद एक हादसे में बेटी की मौत हो गई। RBSE Result…

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इसरो के 101वें सैटेलाइट का लॉन्च विफल: तीसरे स्टेज में गड़बड़ी आई, ISRO चीफ बोले- हम जांच कर रहे

ISRO ने रविवार सुबह 5.59 मिनट बजे श्रीहरिकोटा के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से पोलर सैटेलाइट लॉन्चिंग व्हीकल (PSLV-C61) के जरिए अपना 101वां सैटेलाइट EOS-09…

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UPSC Optional Paper: किस ऑप्शनल पेपर में मिलते हैं सबसे ज्यादा नंबर? देख लीजिए सब्जेक्ट वाइज सक्सेस रेट

Highest scoring optional subject in UPSC: यूपीएससी मेन्स में ऑप्शनल सब्जेक्ट कैसे चुनें? किन यूपीएससी ऑप्शनल विषयों में सबसे ज्यादा नंबर मिलते हैं? समझिए इस…

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15 मई की 10 बड़ी खबरें: मोदी की चेतावनी, कोहली का संन्यास और कोर्ट से लेकर कांस तक हलचल

15 मई 2025: आज की प्रमुख खबरों पर एक विस्तृत विश्लेषण आज का दिन भारत और विश्व के लिए कई महत्वपूर्ण घटनाओं से भरा रहा।…

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Success Story: आधे घंटे चला IAS इंटरव्यू, साड़ी पर पूछा गया सवाल, इस जवाब ने बनाया UPSC टॉपर  

Success Story: धनबाद की श्रेठा श्री ने UPSC 2022 में 444वीं रैंक हासिल कर मिसाल कायम की. उन्होंने मिरांडा हाउस और JNU से पढ़ाई की.…

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"माँ की ममता से राष्ट्रपति भवन तक: द्रौपदी मुर्मू की भावनात्मक यात्रा" प्रस्तावना: देश की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लिखा गया यह विशेष लेख 'माँ' के त्याग, प्रेम और ममता को समर्पित है। यह लेख न केवल एक व्यक्तिगत अनुभव है, बल्कि यह समाज के उन अनगिनत माताओं को भी श्रद्धांजलि है, जिनके बलिदान और संस्कारों के कारण संतानें ऊँचाइयों तक पहुँचती हैं। 'मेरा अस्तित्व, व्यक्तित्व, परिचय... सब माँ की देन' शीर्षक के माध्यम से उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि जीवन में जो कुछ भी उन्होंने पाया है, उसकी नींव उनकी माँ ने रखी। माँ की सीखें: बचपन से राष्ट्रपति भवन तक द्रौपदी मुर्मू अपने लेख में बताती हैं कि बचपन में कोई भी महत्वपूर्ण या गूढ़ सवाल जब घर आता था, तो बच्चे-बच्चियाँ माँ से ही पूछते थे। माँ का व्यवहार, उनका काम करने का तरीका, उनकी संवेदनशीलता और धैर्य—इन सबने ही बच्चों के भीतर सोचने, समझने और निर्णय लेने की क्षमता विकसित की। यही कारण है कि राष्ट्रपति बनने जैसी महान जिम्मेदारी निभाते हुए भी वे आज खुद को अपनी माँ के संस्कारों से जुड़ा हुआ महसूस करती हैं। संस्कारों की नींव: आदिवासी समाज की विशेषता इस लेख में वे स्पष्ट करती हैं कि उनका पालन-पोषण एक साधारण आदिवासी समाज में हुआ, जहाँ साधनों की कमी थी लेकिन जीवन मूल्यों की कोई कमी नहीं थी। माँ ने कड़ी मेहनत, आत्मनिर्भरता और सामूहिक सहयोग जैसे जीवन दर्शन सिखाए। वे बताती हैं कि कैसे उनकी माँ खेतों में काम करते हुए भी अपनी बेटियों की पढ़ाई पर विशेष ध्यान देती थीं। नारी शिक्षा का महत्व राष्ट्रपति मुर्मू यह भी साझा करती हैं कि कैसे उनके गाँव में लड़कियों की शिक्षा को उतना महत्व नहीं दिया जाता था, परंतु उनकी माँ ने इस सामाजिक सोच को चुनौती दी और उन्हें पढ़ाया-लिखाया। यह निर्णय उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण मोड़ बना। आज जब वे भारत की राष्ट्रपति हैं, तो वे माँ के उसी निर्णय को सबसे बड़ी प्रेरणा मानती हैं। गरीबी में भी आत्मसम्मान की शिक्षा वे यह भी लिखती हैं कि माँ ने कभी भी परिस्थितियों के आगे हार नहीं मानी। गरीबी में भी आत्मसम्मान बनाए रखा। उनका कहना है कि माँ ने यह सिखाया कि मदद माँगने से बेहतर है कि खुद पर भरोसा रखा जाए और मेहनत से आगे बढ़ा जाए। समाज और राष्ट्र निर्माण में माँ की भूमिका द्रौपदी मुर्मू यह मानती हैं कि किसी भी समाज और राष्ट्र की नींव माँ की गोद में ही रखी जाती है। एक माँ ही सबसे पहला स्कूल होती है। उन्होंने अपने लेख में बताया कि कैसे आज़ादी के 75 वर्षों के बाद भी माँ की भूमिका समाज निर्माण में सर्वोपरि बनी हुई है। मातृत्व और नेतृत्व का संगम यह लेख मातृत्व और नेतृत्व के बीच के गहरे संबंध को भी उजागर करता है। राष्ट्रपति मुर्मू बताती हैं कि माँ ने उन्हें सिर्फ स्त्री धर्म ही नहीं, बल्कि नेतृत्व के मूल तत्व भी सिखाए—जैसे धैर्य, सब्र, करुणा, न्याय और निर्णय लेने की क्षमता। ‘नारी सशक्तिकरण 2.0’ की नींव माँ के आँचल से लेख में उन्होंने उल्लेख किया कि आज देश में ‘नारी सशक्तिकरण 2.0’ की बात हो रही है, परंतु इसकी नींव तो माँ के आँचल में ही रही है। वे माँ को ही पहली नेता, पहली शिक्षिका और पहली मार्गदर्शिका मानती हैं। समापन: माँ की पूजा, सिर्फ एक दिन नहीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का लेख केवल एक भावनात्मक संस्मरण नहीं है, बल्कि यह एक राष्ट्रीय संदेश भी है। वे इस लेख के माध्यम से यह कहना चाहती हैं कि माँ की पूजा केवल 'मदर्स डे' जैसे एक दिन तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि हर दिन उनके योगदान को स्मरण किया जाना चाहिए। निष्कर्ष: माँ का आँचल—संस्कारों की पाठशाला इस भावनात्मक लेख से यह स्पष्ट होता है कि द्रौपदी मुर्मू जैसी ऊँचाई पर पहुँचने वाली महिला भी अपने व्यक्त

माँ की ममता से राष्ट्रपति भवन तक: द्रौपदी मुर्मू की भावनात्मक यात्रा

प्रस्तावना: देश की प्रथम नागरिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा लिखा गया यह विशेष लेख ‘माँ’ के त्याग, प्रेम और ममता को समर्पित है। यह लेख…

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Akash Missile System: ‘मेरे लिए खुशी का दिन’, ‘आकाश’ के पाकिस्तानी मिसाइल को ढेर करने पर बोले पूर्व वैज्ञानिक

AUTHOR jasa ram(class of student) India-PAK Tension: पाकिस्तान की तरफ से भारत पर किए जा रहे मिसाइल हमलों को नाकाम करने वाले आकाश मिसाइल सिस्टम को…

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