

न्यूयॉर्क:
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हश मनी केस में बड़ा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा टालने की अपील को खारिज कर दिया है। इसके बाद न्यूयॉर्क की अदालत ने शुक्रवार को ट्रंप को सजा सुनाने की प्रक्रिया को आगे बढ़ाने का आदेश दिया है।
यह मामला 2006 का है, जब ट्रंप पर पोर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को 1.3 लाख डॉलर की हश मनी देने का आरोप लगा था। न्यूयॉर्क अदालत ने पाया कि ट्रंप ने इस मामले में बिजनेस रिकॉर्ड्स में हेरफेर किया और उन्हें 34 मामलों में दोषी ठहराया गया है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला:
सुप्रीम कोर्ट की बेंच ने ट्रंप की दलील खारिज करते हुए कहा कि यह मामला उनके निजी जीवन से संबंधित है और इसका राष्ट्रपति पद से कोई लेना-देना नहीं है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि वर्चुअल सुनवाई से ट्रंप के राष्ट्रपति पद ग्रहण करने में कोई बाधा नहीं आएगी।
क्या होगी सजा?
न्यूयॉर्क कोर्ट के जज जुआन मर्चन ने संकेत दिया है कि ट्रंप को जेल की सजा नहीं दी जाएगी। संभावना है कि उन्हें बिना शर्त रिहाई (Unconditional Discharge) दी जाएगी। हालांकि, यह सजा ट्रंप के राजनीतिक और व्यक्तिगत जीवन पर गहरा असर डाल सकती है।
राष्ट्रपति पद पर प्रभाव:
डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी 2025 को राष्ट्रपति पद की शपथ लेने वाले हैं। इस मामले का राष्ट्रपति पद ग्रहण करने पर कोई असर नहीं होगा क्योंकि यह राज्य का मामला है, न कि संघीय।
ट्रंप ने इन आरोपों से इनकार किया है और इसे राजनीति से प्रेरित कदम बताया है। अब देखना यह है कि अदालत का अंतिम फैसला उनके राजनीतिक भविष्य पर कैसा प्रभाव डालता है।
(एजेंसियों से इनपुट सहित)
